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मॉडल एवं अभ्यास के
द्वितीय वर्ष (परिचय) प्रश्न
प्रश्न पत्र-श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका समय-३ घंटा अध्याय-४ (ब) कर्म का स्वरूप
पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अंक २४५=१०) (क) कर्म सहित जीव को.................कहते हैं। (ख) चार गति.................का भेद है। (ग) योग से प्रकृति और प्रदेश बंध होते हैं और कषाय स............ और.................बंध होते हैं। (घ) जो कर्म आत्मा के.................और.................गुण को घातता है उसे मोहनीय कर्म कहते हैं।
(ङ) जिस कर्म के उदय से द्वीन्द्रिय आदि पर्यायों में जन्म होता है उसे.................कहते हैं। प्रश्न २ -सत्य/असत्य कथन लिखिए
(अंक २४५=१०) (क) जिस कर्म के उदय से अवयव असुन्दर होते हैं वह शुभ नामकर्म है। (ख) जिस कर्म के उदय से जीव को अनिष्ट वस्तु की प्राप्ति होती है वह पाप कर्म है। (ग) आवली से ऊपर और मुहूर्त से एक समय कम तक काल को अंतर्मुहूर्त कहते हैं।
(घ) एक मुहूर्त में ३३७३ उच्छ्वास होते हैं। (ङ) बिना फल दिये आत्मा से कर्म का संबंध छूटना उदयाभावी नाश है। प्रश्न ३- सही विकल्प चुनकर लिखिये
(अंक २४५=१०) (क) गुण हानियों के समूह को.........कहते हैं -(१) कर्म नाश (२) उदय (३) नानागुण हानि (४) हानि (ख) श्रेणी व्यवहार गणित में समान हानि या समान वृद्धि के परिणाम को........कहते हैं
(१) कर्म (२) गुण हानि (३) चय (४) निषेकहार (ग) बंध के कारण को..........कहते हैं- (१) द्रव्य (२) पुद्गल (३) कर्म (४) आस्रव (घ) कारण उसे कहते हैं जो
(१) कार्य के पहले हो (२) कार्य के बाद (३) कार्य की उत्पादक सामग्री (४) कार्य के होने के सामग्री (ङ) आत्मा के योग कषाय रूप भावों के निमित्त कारण को कहते हैं -(१) बंध(२) द्रव्य बंध(३) भाव बंध(४) आसव प्रश्न ४ - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ-क
स्तंभ - ख (अंक २४५=१०) कर्म की आत्यंतिक निवृत्ति | दर्शनमोहनीय केवली, श्रुत, संघ, देव का अवर्णवाद चारित्र मोहनीय आदेय-अनादेय
संस्थान नामकर्म शरीराकृति
क्षय कषाय का वेदन
नामकर्म प्रश्न ५ - अति लघु उत्तरीय प्रश्न (३० शब्दों में कोई पाँच)
(अंक ४-५२०) (क) उपादान कारण किसे कहते हैं? (ख) प्रकृति बंध और अनुभाग बंध में क्या अंतर है ? (ग) प्रमाद के कितने भेद हैं? चार्ट बनाइये। (घ) योग के कितने भेद हैं? चार्ट बनाइये। (ङ) आठ कर्मों की उत्कृष्ट स्थिति कितनी-कितनी है ? लिखिये। (अथवा) दर्शनावरण कर्म किसे कहते हैं ? उसके
कितने भेद हैं? नाम लिखिये। प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न (५० शब्दों में कोई पाँच)
(अंक ६४५= ३०) (१) कर्म किसे कहते हैं? कर्म बंध के कितने भेद हैं? उनकी परिभाषाएँ लिखिये। (२) प्रकृति बंध या कर्म के आठ भेदों की परिभाषाएँ लिखिये। (३) किन्हीं चार नामकर्मों की परिभाषाएँ लिखिये। (४) उदय, उदीरणा, उपशम क्या है ? उपशम को भेद सहित समझाइये। (५) अद्धापल्य किसे कहते हैं?
(६) मिथ्यात्व किसे कहते हैं ? मिथ्यात्व के कितने भेद हैं? नाम सहित परिभाषा लिखिये। प्रश्न ७ - किसी एक विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
(अंक १x१०=१०) (क) आस्रव (ख) नामकर्म की प्रकृतियाँ (ग) प्रकृति एवं प्रदेश बंध (घ) स्थिति एवं अनुभाग बंधा