SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६७ प्रश्न मॉडल एवं अभ्यास के द्वितीय वर्ष (परिचय) प्रश्न पत्र - श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका समय -३ घंटा अध्याय - ४ (अ) द्रव्य-गुण- पर्याय पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १- सत्य/असत्य कथन चुनकर लिखिए (अंक २४५= १०) (क) अवग्रह से जाने हुए पदार्थ विशेष के विषय में उत्पन्न हुए संशय को दूर करने वाले इच्छा रूप ज्ञान को ईहा कहते हैं। (ख) व्यक्त और अव्यक्त पदार्थों के बारह - बारह भेद छह जोड़ों में हैं। (ग) योग और कषाय को बाह्य क्रिया कहते हैं। (घ) आल्हाद रूप आत्मा के परिणाम विशेष को सुख कहते हैं। (ङ) उच्चता और नीचता (गोत्रकर्म) के अभाव को सूक्ष्मत्व प्रतिजीवी गुण कहते हैं। प्रश्न २ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (अंक २ x ५= १०) (क) छह द्रव्यों के समूह को.............कहते हैं। (ख) जो सब द्रव्यों में समान रूप से रहते हैं उन्हें........कहते हैं। (ग) अनेक.............के बंध को स्कन्ध कहते हैं। (घ) जो पुद्गल स्कन्ध, तैजस शरीर रूप परिणमित होते हैं, उन्हें...............कहते हैं। (ङ) द्रव्य में नवीन पर्याय की प्राप्ति को.............कहते हैं। प्रश्न ३- सही विकल्प चुनकर लिखिये - (अंक २४५=१०) (क) गति हेतुत्त्व विशेष गुण...........द्रव्य का है- (१) धर्म (२) अधर्म (३) काल (४) पुद्गल (ख) आकाश................है- (१) सर्वव्यापी (२) नीला (३) ब्रह्मा (४) गगन (ग) मोक्ष जाने के पहले केवली समुद्घात करने वाला जीव.............के बराबर होता है। (१) शरीर (२) आकाश(३) लोकाकाश (४) आर्यखंड (घ) वर्तमान पर्याय का आगामी पर्याय में अभाव.......है - (१) प्रागभाव (२) प्रध्वंसाभाव (३) अन्योन्याभाव (४) अत्यंताभाव (ङ) किसी विवक्षित पदार्थ की सत्ता को...........कहते हैं - (१) महासत्ता (२) अवांतर सत्ता (३)राजसत्ता (४)जनसत्ता प्रश्न ४ - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ - क स्तंभ-ख (अंक २४५=१०) वैभाविक गुण अस्तिकाय बहुप्रदेशी आकाश असंख्यात प्रदेश कार्मण अनंत प्रदेश जीव, धर्म, अधर्म द्रव्य अष्ट कर्मों का समूह जीव प्रश्न ५ - अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (३० शब्दों में कोई पाँच) (अंक ४ x ५ = २०) (क) अगुरुलघुत्व गुण किसे कहते हैं ? (ख) आहारक शरीर किसे कहते हैं ? (ग) भव्यत्व और अभयत्व गुण किसे कहते हैं? (घ) प्रतिजीवी गुण के भेदों की परिभाषा लिखिये। (ङ) प्राण के कितने भेद हैं ? भेदों की परिभाषा लिखिये। (अथवा) किन्हीं दो द्रव्यों की परिभाषा लिखिये। प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न (५० शब्दों में कोई पाँच) (अंक ६४५= ३०) (१) पर्याय के भेद चार्ट सहित समझाइये। (२) स्कंध के भेदों का निरूपण कीजिये। (३) लोक की मोटाई, ऊँचाई और चौड़ाई कितनी होती है? (४) अभावों को समझने से लाभ बताइये। (५) किन्हीं चार की परिभाषा लिखिये - अवाय, चक्षुदर्शन, वैक्रियक शरीर, उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य, समुद्घात। (६) अनुजीवी-प्रतिजीवी गुणों का चार्ट बनाकर नाम लिखिये। प्रश्न ७ - कोई एक प्रश्न हल करें। (२०० शब्दों में) (अंक १x१० = १०) (क) जीव के अनुजीवी-प्रतिजीवी गुणों का विस्तृत विवेचन कीजिये। (ख) द्रव्य के सामान्य विशेष गुणों पर संक्षिप्त निबंध लिखिये। (ग) द्रव्य और गुण पर विस्तृत टिप्पणी लिखिये।
SR No.009716
Book TitleGyanpushpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy