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श्री मालारोहण जी मॉडल एवं अभ्यास के प्रथम वर्ष (परिचय) प्रश्न
प्रश्न पत्र - श्री मालारोहण समय -३ घंटा अभ्यास के प्रश्न - गाथा १७ से ३२
पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(अंक २४५=१०) (क) सम्यग्दृष्टि....................को अपने हृदय में झूलती हुई देखते हैं। (ख) ....................उनके हृदय में आनंद की उर्मियाँ जाग्रत कर रहा था। (ग) अनादि से जीव ने अपने...............को नहीं जाना है। (घ) .....................अचिंतन सामर्थ्यवान है।
(ङ) संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्तक...................जीव को रत्नत्रय मालिका प्राप्त हो सकती है। प्रश्न २ -सत्य/असत्य कथन लिखिए -
(अंक २ x ५= १०) (क) उपदेश आदि ग्रहण करने की योग्यता सम्यग्दर्शन के बहिरंग कारण है। (ख) पुरुषार्थ की कमजोरी से स्थिरता होती है।
(ग) ज्ञानी, पर को ग्रहण नहीं करता। (घ) मौन की सफलता होने पर ही ध्यान की सफलता होती है। (ङ) आशा मोह की मंदता में होती है। प्रश्न ३- सही विकल्प चुनकर लिखिये
(अंक २४५=१०) (क) पंचेन्द्रिय की ओर प्रवृत्त बुद्धि कारण है -(१) संसार का (२) मोक्ष का (३) राग का (४) पुण्य का (ख) शुद्धात्मा की आराधना से मिलती है - (१) ज्ञानगुण माला (२) मुक्ति (३) शांति (४) भक्ति (ग) मुक्ति में..... का प्रवेश होता है- (१) मनुष्य (२) देव (३) सम्यग्दृष्टि (४) विद्वान का (घ) निज स्वरूप में निरंतर रहने वाले हैं- (१) मनुष्य (२) विद्वान (३) साधु (४) देव
(ङ) सात प्रकृति के उपशम से... सम्यक्त्व होता है-(१) शुद्ध (२) क्षायिक (३) उपशम (४) वेदक प्रश्न ४ - सही जोड़ी बनाइये- स्तंभ-क
स्तंभ-ख (अंक २४५=१०) चाह
मिथ्यात्व शंका
स्नेह परिग्रह
लोभ अपनत्व
भय शरीर मैं हूँ
आशा प्रश्न ५- अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (३० शब्दों में कोई पाँच)
(अंक ४४५-२०) (क) शुद्ध दृष्टि सत्पुरुषार्थ कैसे करते हैं?
(ख) अनंत गुण कैसे प्रगट होते हैं? (ग) जीव के संसार परिभ्रमण का क्या कारण है? (घ) मुक्ति श्री का वरण कौन करता है?
(ङ) वीतरागी भावलिंगी साधु की महिमा क्या है? (अथवा) चार स्थान का नाम व संक्षिप्त परिभाषा लिखिए। प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न (५० शब्दों में कोई पाँच)
(अंक ६x ५= ३०) (१) शुद्धात्म दर्शन के लिए कौन सा सम्यक्त्व होना चाहिए? (२) जे सुद्ध दिस्टि संमिक्त जुक्तं का अभिप्राय लिखो। (३) सम्यक्त्व के भेदों के नाम लिखकर किन्हीं तीन भेदों का स्वरूप लिखिए? (४) " आत्म दर्शन का बाह्य वेष से संबंध नहीं है" सिद्ध कीजिए। (५) लाज और गारव का क्या स्वरूप है?
(६) वीतरागी साधु की अंतरंग स्थिति कैसी होती है? प्रश्न ७ - दीघ्र उत्तरीय प्रश्न - (कोई एक)
(अंक १x१० = १०) (क) ध्यानी योगी चैतन्य चमत्कार कैसे देखते हैं? ध्यान का क्या स्वरूप है। (ख) गाथा १६ से ३२ का सारांश लिखिए। (ग) शुद्ध सम्यक्त्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (मालारोहण के आधार पर)