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________________ श्री मालारोहण जी दंसण णाण पहाणो, असंखदेसो हु मुत्ति परिहीणो । संगहिय देह पमाणो णायव्वो एरिसो अप्पा ॥ 1 सुद्धप्पा तणुमाणो णाणी " इय झायंतो जोई, पावइ शुद्धात्मा शरीर प्रमाण है, ज्ञानी है, चैतन्य गुण का वाला योगी परमात्म पद रूप स्थान को प्राप्त करता है । भी है। आत्मा को दर्शन ज्ञान से प्रधान, असंख्यात प्रदेशी, अमूर्तीक, धारण किये हुए देह प्रमाण जानो । (श्री देवसेनाचार्य, तत्वसार गाथा - १७) चेदणगुणोहमेकोऽहं । परमप्पयं ठाणं ॥ भंडार है, ऐसा मैं एकाकी हूं। ऐसा ध्यान करने ४९ (श्री पद्मसिंह मुनि, ज्ञानसार गाथा - ४५ ) अणुगुरु देह पमाणो, उवसंहारप्पसप्पदो चेदा । असमुहदो ववहारा, णिच्चयणयदो असंखदेसो वा ॥ आत्मा व्यवहार नय से संकोच विस्तार गुण के कारण समुद्घात अवस्था के अतिरिक्त शेष सब अवस्थाओं में नाम कर्म से निर्मित प्राप्त छोटे बड़े शरीर प्रमाण और निश्चय नय से असंख्यात प्रदेशी लोकाकाश के बराबर है। (श्री नेमिचंद्राचार्य, द्रव्य संग्रह गाथा - १० ) णिच्छड़ लोय पमाण मुणि, ववहारइ सुसरीरु । एहउ अप्प सहाउ मुणि, लहु पावहु भव तीरु ॥ जो आत्म स्वभाव को निश्चय से लोक प्रमाण और व्यवहार से स्वशरीर प्रमाण समझता है वह शीघ्र ही संसार से पार हो जाता है। (श्री योगीन्दुदेव, योगसार गाथा - २४) निरत्ययः | स्वसंवेदन सुव्यक्तस्तानुमात्रो अत्यंत सौख्यवानात्मा लोकालोक विलोकन: ॥ आत्मा लोकालोक को जानने देखने वाला, अत्यंत अनंत सुख स्वभाव वाला, शरीर प्रमाण, नित्य, स्वसंवेदन से तथा कहे हुए गुणों से योगीजनों द्वारा अच्छी तरह अनुभव में आया हुआ है। (श्री पूज्यपाद स्वामी, इष्टोपदेश गाथा - २१) लोय पमाणो जीवो, देहपमाणो वि अत्थि दे खेत्ते । ओगाहण सत्तीदो, संहरण विसप्पधम्मादो || अवगाहन शक्ति के कारण जीव लोकप्रमाण है और संकोच विस्तार धर्म के कारण शरीर प्रमाण (श्री स्वामी कार्तिकेय, कार्तिकेयानुप्रेक्षा गाथा - १७६ ) एगो मे सासदो आदा, णाण दंसण लक्खणो । सेसा मे बाहिरा भावा सव्वे संजोग लक्खणा ॥ ज्ञान दर्शन लक्षण वाला, शाश्वत एक आत्मा मेरा है, शेष सब संयोग लक्षण वाले भाव मुझसे बाह्य हैं, भिन्न हैं । (श्री कुन्दकुन्दाचार्य, नियमसार गाथा - १०२ )
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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