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ज्ञान विज्ञान भाग -२
उत्तर
पाठ-२
श्रावक परिचय प्रश्न - श्रावक किसे कहते हैं? उत्तर - सात व्यसन के त्याग पूर्वक जो अष्ट मूलगुणों का पालन करता हो, तत्त्वार्थ श्रद्धानी एवं
आत्मानुभवी हो, सच्चे देव, गुरु, धर्म का आराधक हो, पानी छानकर पीता हो, रात्रि भोजन
का त्यागी हो उसे श्रावक कहते हैं। प्रश्न - श्रावक की कितनी विशेषताएँ होती हैं? उत्तर 'श्रावक शब्द में तीन अक्षर हैं- 'श्र' 'व' और 'क' इन तीन अक्षरों से श्रावक की तीन विशेषतायें
होती हैं - श्रद्धावान, विवेकवान और क्रियावान । श्रावक इन तीन विशेषताओं सहित होता है। प्रश्न - 'श्रद्धावान' का क्या अभिप्राय है?
- श्रावक सच्चे देव, गुरु, धर्म, शास्त्र का सम्यक् श्रद्धानी होता है, यही श्रद्धावान का अभिप्राय है। प्रश्न - सच्चे देव कौन हैं, जिनके प्रति श्रद्धावान होना चाहिये? उत्तर - आत्मा स्वभाव से शुद्ध, ज्ञान-दर्शन का धारी परमात्म स्वरूप है यही इष्ट और प्रयोजनीय है
इसलिये निज शुद्धात्मा सच्चा देव है। शुद्धात्म स्वरूप का ज्ञान वीतरागी अरिहंत और सिद्ध परमात्मा द्वारा होता है इसलिये व्यवहार से सच्चे देव अरिहंत और सिद्ध परमात्मा हैं जिनके
प्रति श्रद्धावान होना चाहिये। प्रश्न - सच्चे गुरु कौन हैं, जिनके प्रति श्रद्धावान होना चाहिये ? उत्तर - निश्चय से निज अंतरात्मा सच्चा गुरु है तथा जिनके द्वारा अंतरात्मा एवं सच्चे देव गुरु शास्त्र
का ज्ञान होता है वे निर्ग्रन्थ वीतरागी साधु व्यवहार से सच्चे गुरु हैं। प्रश्न - निर्ग्रन्थ और वीतरागी का क्या अर्थ है? उत्तर - राग-द्वेष से रहित होने को वीतरागी और चौबीस प्रकार के परिग्रह से रहित होने को निर्ग्रन्थ
कहते हैं। इस प्रकार साधु २४ परिग्रह से रहित निर्ग्रन्थ वीतरागी होते हैं। प्रश्न - परिग्रह के २४ भेद कौन-कौन से हैं? उत्तर - परिग्रह के मूल भेद दो हैं - अंतरंग परिग्रह और बहिरंग परिग्रह । अंतरंग परिग्रह के चौदह
भेद -१. मिथ्यात्व, २. क्रोध, ३. मान, ४. माया, ५. लोभ, ६. हास्य, ७. रति, ८. अरति, ९. शोक, १०. भय, ११. जुगुप्सा, १२. स्त्रीवेद,१३. पुरुष वेद, १४. नपुंसक वेद । बाह्य परिग्रह के दस भेद- १. क्षेत्र (खेत जमीन), २. वास्तु (मकान), ३. हिरण्य (चांदी), ४. स्वर्ण (सोना), ५. धन (गाय,भैंस आदि), ६. धान्य (अनाज), ७. दासी (नौकरानी), ८. दास (नौकर), ९. बर्तन (भाण्ड),१०. वस्त्र (कुप्य) । इस प्रकार परिग्रह के मूलभेद दो
और उत्तर भेद २४ होते हैं। प्रश्न - सच्चा शास्त्र किसे कहते हैं, जिस पर श्रद्धा करना चाहिये? उत्तर - जिसमें सच्चे देव गुरु शास्त्र की महिमा हो, आचार - विचार क्रियाओं का प्रतिपादन हो।
जिसमें ज्ञान की उत्पत्ति, कर्मों की निर्जरा और मुक्ति मार्ग का कथन किया गया हो उसे सच्चा