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ज्ञान विज्ञान भाग - २
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कि.मी. की दूरी पर स्थित है। २. श्री सेमरखेड़ी जी दीक्षा एवं तपोभूमि है जहाँ पाँच गुफायें हैं, यह तीर्थ विदिशा जिले में सिरोंज से ७ कि. मी. की दूरी पर स्थित है । ३. श्री सूखा निसई जी - धर्म प्रचार केन्द्र है, जो दमोह जिले में पथरिया स्टेशन से मात्र ७ कि.मी. की दूरी पर स्थित है। ४. श्री निसई जी (मल्हारगढ़) - समाधि स्थल है, जो अशोकनगर जिले में मुंगावली से १४ कि.मी. की दूरी पर स्थित है। विशेष अनाद्यनंत चौबीसी के समस्त तीर्थंकर भगवंत नियम से श्री सम्मेदशिखर जी से मोक्ष जाते हैं। वर्तमान चौबीसी के बीस तीर्थंकर एवं करोड़ों वीतरागी साधु भी श्री सम्मेदशिखर जी से मोक्ष को प्राप्त हुए हैं। संपूर्ण देश के समग्र जैन समाज की श्रद्धा के केन्द्र शाश्वत तीर्थधाम श्री सम्मेदशिखर जी में आचार्य श्री जिन तारण स्वामी जी की वाणी के प्रचार-प्रसार हेतु तारण भवन का निर्माण एवं अध्यात्म केन्द्र स्थापित किया गया है। यह तीर्थ झारखंड में स्थित है।
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तारण तरण साहित्य परिचय
श्रीमद् जिन तारण तरण मण्डलाचार्य जी महाराज ने पाँच मतों में चौदह ग्रन्थों की रचना की, किस ग्रन्थ में कितनी गाथायें एवं सूत्र हैं उसका विवरण इस प्रकार है - (१) विचारमत
१. श्री मालारोहण जी
२. श्री पण्डित पूजा जी ३. श्री कमल बत्तीसी जी
(२) आचारमत
१. श्री श्रावकाचार जी
(३) सारमत
१. श्री ज्ञान समुच्चयसार जी
२. श्री उपदेश शुद्ध सार जी ३. श्री त्रिभंगी सार जी
(४) ममलमत
१. श्री चौबीस ठाणा जी २. श्री ममल पाहुड़ जी
(५) केवल मत
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१. श्री खातिका विशेष जी
२. श्री सिद्ध स्वभाव जी
३. श्री सुन स्वभाव जी
४. श्री छद्मस्थ वाणी जी ५. श्री नाम माला जी
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३२ गाथा
३२ गाथा
३२ गाथा
४६२ गाथा
९०८ गाथा
५८९ गाथा
२ अध्याय में ७१ गाथा
५ अध्याय गद्यमय एवं २७ गाथा ३२०० गाथा ( १६४ फूलना)
१०४ सूत्र
२० सूत्र
३२ सूत्र
१२ अध्याय
गद्य ग्रन्थ
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न १ - आचार्य प्रवर तारणस्वामी जी का संक्षिप्त परिचय दीजिये ?
प्रश्न २ - आध्यात्मिक क्रांति क्या है ? श्री तारण स्वामी का साहित्यिक परिचय देते हुए समझाइये |