________________ 192 माडल प्रश्न 4 पत्र श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय प्रथम वर्ष (प्रवेश) चतुर्थ प्रश्न पत्र - ममलपाहुड़, देव गुरु शास्त्र पूजा समय -3 घंटा पूर्णांक-१०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न 1 - सत्य/असत्य कथन चुनकर लिखिए - (अंक 245= 10) (क) तत्त्वं च नंद आनन्द मउ, चेयननन्द सुभाउ। (ख) दिप्त दिप्ति तं दिस्ट समु, दिप्त दिस्ट सम भेउ। (ग) कर्म जीव द्रव्य है। (घ) आत्मा शुद्ध परम श्रेष्ठ जिनस्वरूप है। (ङ) परम देव परमात्मा जो अनंत चतुष्टय सहित अपने ज्ञान स्वभाव में लीन हैं। प्रश्न 2 - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए - (अंक 245=10) (क) परम देउ ............. सहियो, नन्तानंत सुदिट्ठी। (ख) ............ परोक्ष रूप से लोकालोक को जानते हैं। (ग) परम ............. भाव ही परम धर्म में सहकारी है। (घ) ............. भाव संसार के बीज हैं। (ङ) रमने रमियो ............., भय सल्य संक विलयंतु। प्रश्न 3- सही विकल्प चुनकर लिखिये (अंक 245 = 10) (क) अरस, अरूपी, अस्पर्शी विशेषण हैं- (1) अजीव (2) पुद्गल (3) जीव द्रव्य (4) धर्म (ख) घातिया-अघातिया का क्षय होता है - (1) अरिहंत (2) सिद्ध (3) आचार्य (4) साधु (ग) ध्यान का भेद नहीं है - (1) आर्त (2) रौद्र (3) धर्म (4) कर्म (घ) चेतन अरु पर द्रव्य का है............ संयोग- (1) आज का (2) कल का(३) अनादि का (4) आदि का (ङ) सकल परमात्मा के किन कर्मों का घात होता है-(१) घातिया (2) वेदनीय (3) अघातिया (4) मोहनीय प्रश्न 4 - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ- क स्तंभ-ख (अंक 2 x 5= 10) अरिहंत हैं निकल परमात्मा सर्व विशुद्ध निर्मल सर्वज्ञ चिन्मय सकल परमात्मा वीतरागी सद्गुरु निर्ग्रन्थ निश्चेल कुगुरु उपलनाव अरिहंत परमेष्ठी प्रश्न 5- (क) सद्गुरु और कुगुरु में अंतर बताइये। (अंक 4-5-20) (ख) कोई दो परिभाषाएँ संक्षिप्त में लिखिए - ध्यान, सकल परमात्मा, निकल परमात्मा (ग) पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए -(1) निस्पृह अकिंचन ............ नित नमन। (2) अरिहंत हैं...............मैं वंदना। (घ) निकल परमात्मा की विशेषताएँ लिखकर बताइये कि हम निकल परमात्मा कैसे बन सकते हैं? (ङ) घातिया-अघातिया कर्मों के क्षय से कौन से गुण प्रगट होते हैं ? (अथवा) ध्यान के भेद-प्रभेद लिखिए। प्रश्न 6 - किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 शब्दों में दीजिये - (अंक 645-30) (1) धर्म दीप्ति गाथा की चार पंक्तियाँ लिखकर अर्थ बताइये। (2) आस्रव और बंध तत्त्व को स्पष्ट कीजिए। (3) कम्मह कम्म सहाई का अर्थ लिखकर कर्म का स्वरूप गाथा के आधार पर लिखिए। (4) भावार्थ लिखिए - धरम धम्मु परमप्पय सहियो, परम भाउ उवलद्धी। परम निरंजनु अंजन रहिओ, ममल भाव सिव सिद्धी॥ (5) आचार्य श्री जिन तारण स्वामी का ममलपाहुड़ ग्रंथ कहने का क्या उद्देश्य है ? विवेचन कीजिये। (6) देव दिप्ति गाथा की किन्हीं चार पंक्तियों को शुद्ध रूप में लिखिये। प्रश्न 7 - धर्म दिप्ति, ध्यावहु फूलना में से किसी एक का सारांश लिखिये। (अंक 1x10=10)