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________________ m मॉडल प्रश्न पत्र श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय प्रथम वर्ष ( प्रवेश) तृतीय प्रश्न पत्र छहढाला समय - ३ घंटा नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे । प्रश्न १ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए - (क) छहढाला में कुल . ....... पद हैं। ------------- (ख) तीव्र कर्मोदय में युक्त न होकर जीव पुरुषार्थ द्वारा मंद कषाय रूप परिणमित हो, वह........ सो द्विविध विचारो । (ग) सम्यक्दर्शन ज्ञान चरन (घ) देह जीव को एक गिने. (ङ) पूर्ण निराकुल. . तत्त्व मुधा है। *****........ की प्राप्ति अर्थात् जीव की संपूर्ण शुद्धता वह मोक्ष का स्वरूप है। प्रश्न २ - सही विकल्प चुनकर लिखिये (क) नरक की भूमि नहीं है - (ख) भवनवासी, व्यंतर व ज्योतिष होते हैं(ग) जो जीव निगोद से निकलकर अन्य पर्याय (घ) एकेंद्रिय के भेद हैं - - - (ङ) आत्म स्वरूप को भूलकर मोह में फँसना है प्रश्न ३ - सत्य / असत्य कथन चुनकर लिखिए - (क) आत्महित किसमें है ? (घ) मोक्ष का मार्ग क्या है ? प्रश्न ५ - किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर लिखिये । - (१) पंकप्रभा (२) माधवी (१) सच्चे देव (२) वैमानिक को प्राप्त करके पुनः निगोद में उत्पन्न (१) नित्यनिगोद (२) नारकी (१) दस (२) ग्यारह - ( १ ) जीवन (२) मरण ....... (क) संसार परिभ्रमण का मुख्य कारण मिथ्यादर्शन, मिथ्याज्ञान, मिथ्याचारित्र है । (ख) प्रयोजन भूत केवल आत्मा है । (ग) परद्रव्य जीव को लाभ-हानि पहुँचा सकते हैं। (घ) त्रस तथा स्थावर जीवों की हिंसा करने और फूल, फल, तेल चढ़ाने से धर्म होता है। (ङ) मैं सुखी हूँ, मैं गरीब हूँ, ये धन सम्पत्ति मेरे हैं, ये स्त्री पुत्रादि मेरे हैं, ऐसी मान्यता । प्रश्न ४- एक शब्द में उत्तर लिखें है । १९१ ( अंक २x५ १०) प्रश्न ७ - (क) हेय ज्ञेय उपादेय पर टिप्पणी लिखिए । (ख) नरकों के दुःखों का वर्णन पहली ढाल के आधार पर कीजिए। (अथवा ) दूसरी ढाल का सारांश अपने शब्दों में करते हुए रुचिकर छंद लिखिए । पूर्णांक - १०० ( अंक २ x ५ = १०) (३) धूमप्रभा (४) बालुकाप्रभा (३) पशु (४) देव होते हैं, उन्हें कहते हैं - (३) मनुष्य (४) इतर निगोद (३) तीन (४) पाँच (३) परिभ्रमण ( ४ ) मोक्ष ( अंक २x५ = १०) ....... ( अंक २x५ = १०) (ख) धर्म का मूल क्या है ? (ग) नय के कितने भेद हैं ? (ङ) धर्म से दूर रहना / रखना क्या है ? (१) गुणस्थान की परिभाषा एवं भेद लिखें। ( अंक ४ x ५ = २० ) (२) 'मोक्षमहल की परथम सीढ़ी' का भावार्थ लिखें । (३) तीसरी ढाल का कोई १ छंद अर्थ सहित लिखें। (४) उपयोग क्या है ? भेद सहित स्पष्ट कीजिए । (५) पंक्तियाँ पूर्ण करें- (क) एकान्तवाद . देन त्रास (ख) जीव अजीव उर आनो । (६) सात तत्त्वों का स्वरूप लिखकर किन्हीं दो तत्त्वों का विपरीत श्रद्धान बताइये । प्रश्न ६ - (क) अंतर बताइये - (२) त्रस स्थावर (१) ग्रहीत - अग्रहीत मिथ्यात्व (कोई दो) " ( अंक ६ x ५ = ३०) (३) संज्ञी असंज्ञी जीव (४) निर्जरा और मोक्ष तत्व का विपरीत श्रद्धान (ख) कोई तीन परिभाषाएँ लिखिए कुगुरु, प्रयोजन भूत तत्त्व अग्रहीत मिथ्याचारित्र, कुधर्म, निश्चय सम्यक्त्व (ग) अंतरात्मा, बहिरात्मा का स्वरूप स्पष्ट कीजिए। (घ) परमात्मा का लक्षण, भेद सहित बताइये । (ङ) छह द्रव्यों के स्वरूप को तीसरी ढाल के आधार पर स्पष्ट कीजिये। (अथवा ) सम्यक्त्व के पच्चीस दोषों पर प्रकाश डालिये। ( अंक १x१० = १० )
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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