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________________ छहढाला तीसरी ढाल प्रश्न १ - वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्रश्न २ - (ख) सही जोड़ी बनाइये (31) १. शंका (क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये । • सो द्विविध विचारो । ( शिवमग) १. सम्यग्दर्शन ज्ञान चरन ---- २. आत्मा में पर वस्तुओं से भिन्नत्व की श्रद्धा करना सो --- सम्यग्दर्शन है। (निश्चय) ३. देह जीव को एक गिने तत्त्व मुधा है। (बहिरातम) ४. मध्यम अन्तर आतम हैं जे देशव्रती ---I (अनगारी) ५. धर्म को धारण करके सांसारिक सुखों की इच्छा न करना उसे - २. कांक्षा ३. चिकित्सा ४. मूढदृष्टि ५. अनुपगूहन ६. अस्थितिकरण ७. अवात्सल्य ८. अप्रभावना अभ्यास के प्रश्न - ———— (ब) जिनधर्म का विरोध ---- साधर्मीजनों से विरोध / द्वेष ७ धर्म से दूर रखना / रहना ६ गुणों का प्रकाशन, अवगुणों को छिपाना ५ सांसारिक सुख की इच्छा २ जिनवचनों में संदेह १ ३ साधुओं के प्रति घृणा सत्य और झूठे तत्त्वों में अविवेक सही उत्तर ८ १११ - 'लघुउत्तरीय प्रश्न - (क) गुणस्थान के विषय में लिखिये। । उत्तर - मोह और योग के निमित्त से जीव के श्रद्धा और चारित्र गुण की होने वाली तारतम्य रूप अवस्था को गुणस्थान कहते हैं। गुणस्थान १४ होते हैं १. मिथ्यात्व २. सासादन, ३. मिश्र ( सम्यक् मिथ्यात्व ), ४. अविरत सम्यक्त्व, ५. देश विरत, ६. प्रमत्त विरत, ७. अप्रमत्त विरत, ८. अपूर्वकरण ९ अनिवृत्ति करण १०. सूक्ष्म साम्पराय ११. उपशांत मोह, १२. क्षीण मोह, १३ सयोग केवली, १४. अयोग केवली । , , कहते हैं । (निःकांक्षित अंग) (ख) गुण किसे कहते हैं, गुण के कितने भेद हैं स्वरूप सहित बताइए ? उत्तर- जो द्रव्य के सम्पूर्ण भागों में और उसकी संपूर्ण अवस्थाओं में रहता है उसे गुण कहते हैं। गुण के दो भेद हैं- सामान्य गुण और विशेष गुण । (१) सामान्य गुण जो सब द्रव्यों में समान रूप से पाये जाते हैं उन्हें सामान्य गुण कहते हैं। सामान्य गुण अनन्त हैं; किन्तु उनमें छह गुण मुख्य हैं १ अस्तित्व, २. वस्तुत्व, ३. द्रव्यत्व, ४ प्रमेयत्व, ५. अगुरुलघुत्व, ६ प्रदेशत्व - (२) विशेष गुण - जो सब द्रव्यों में न रहकर अपने-अपने द्रव्यों में रहते हैं उन्हें विशेष गुण कहते हैं । जैसे - जीव में चैतन्य, सम्यक्त्व, चारित्र, सुख, क्रियावती शक्ति आदि । पुद्गल
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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