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छहढाला - तीसरी ढाल प्रश्न १०- नय के कितने भेद हैं? उत्तर - नय के दो भेद हैं -१. निश्चयनय २. व्यवहारनय । प्रश्न ११- निश्चयनय किसे कहते हैं? उत्तर - निश्चय शब्द निः और चय से मिलकर बना है । निः = निःशेष रूप से/नियम रूप से/
निश्चित रूप से चय - संग्रह करना/इकट्ठा करना/ग्रहण करना अर्थात् वस्तु के मूल स्वरूप को/यथार्थ अंश को/भूतार्थ अंश को जानने वाले ज्ञान या कहने वाले शब्द को निश्चय नय
कहते हैं। प्रश्न १२- व्यवहार नय किसे कहते हैं ? उत्तर - व्यवहार शब्द वि और अवहार - इन दो शब्दों से मिलकर बना है। वि = विशेष रूप से,
अवहार = ज्ञान कराने वाला। अर्थात् वस्तु के जिस अंश की मुख्यता से वस्तु का विशेष ज्ञान
होता है उसे जानने वाले या कहने वाले शब्दों को व्यवहार नय कहते हैं। प्रश्न १३- निश्चय सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं? उत्तर - पर द्रव्यों से भिन्न अपने आत्म स्वरूप का श्रद्धान करना निश्चय सम्यग्दर्शन है। प्रश्न १४- निश्चय सम्यग्ज्ञान किसे कहते हैं? उत्तर - पर द्रव्यों से भिन्न अपने आत्म स्वरूप को जानना निश्चय सम्यग्ज्ञान है। प्रश्न १५- निश्चय सम्यक्चारित्र किसे कहते हैं? उत्तर - पर द्रव्यों से भिन्न अपने आत्म स्वरूप में स्थिरतापूर्वक लीन होना निश्चय सम्यक्चारित्र है। प्रश्न १६- रत्नत्रय किसे कहते हैं? उत्तर - सम्यग्दर्शन,सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र को रत्नत्रय कहते हैं। प्रश्न १७- व्यवहार सम्यग्दर्शन किसे कहते हैं? उत्तर - जीवादि सात तत्त्वों के यथार्थ श्रद्धान को व्यवहार सम्यग्दर्शन कहते हैं। प्रश्न १८- उत्पत्ति की अपेक्षा सम्यग्दर्शन के कितने भेद है? उत्तर - उत्पत्ति की अपेक्षा सम्यग्दर्शन के २ भेद हैं - १. निसर्गज २. अधिगमज ।
१. निसर्गज - दूसरों के उपदेश के बिना स्वयमेव ही दर्शन मोहनीय के उपशम, क्षय या क्षयोपशम पूर्वक परद्रव्यों से भिन्न आत्मा की प्रतीति होती है उसे निसर्गज सम्यग्दर्शन कहते हैं। २. अधिगमज - जो परोपदेश के निमित्त पूर्वक दर्शन मोहनीय के उपशमादि होते हैं तथा
आत्मप्रतीति होती है उसे अधिगमज सम्यग्दर्शन कहते हैं। प्रश्न १९- दर्शन मोह और चारित्र मोह किसे कहते हैं? उत्तर - जो वस्तु स्वरूप का यथार्थ श्रद्धान न होने दे उसे दर्शन मोह कहते हैं और जो चारित्र का घात
करे उसे चारित्र मोह कहते हैं। प्रश्न २०- सम्पूर्ण धर्म का मूल क्या है ? उत्तर - सम्यग्दर्शन सब धर्मों का मूल है, इसके बिना जो भी क्रियायें हैं वे सब दुःख देने वाली हैं।