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________________ । आधुनिक सामायिक साधना) (अर्हम् का पाँच बार उच्चारण करके सामायिक आलोचना पाठ करें।) सामायिक आलोचना पाठ नौंवें सामायिक व्रत में जो कोई अतिचार (दोष) लगा हो तो मैं उसकी आलोचना करता हूं/ करती हूं। १.मन की सावध प्रवृत्ति की हो। २. वचन की सावध प्रवृत्ति की हो। ३. शरीर की सावध प्रवृत्ति की हो। ४. सामायिक के नियमों का पूरा पालन न किया हो। ५. अवधि से पहले सामायिक को पूरा किया हो। तस्स मिच्छा मि दुक्कडं - इनसे लगे मेरे पाप मिथ्या हो, निष्फल हो। सामायिक पाठ ॐकारं नमस्कार महामंत्र बृहद् मंगल-पाठ. ........१५ मिनट चतुर्विंशति-स्तव मंगल पाठ प्रेक्षाध्यान ...१५ मिनट विशेष मंत्र प्राणायाम मंगल भावना .....१०मिनट बनें अहम् अहम् गीत अहम् ध्यान ......................................." ..........५ मिनट सामायिक आलोचना पाठ ..... .............३ मिनट व्याख्यान-अवर्ण धर्मः, व्याख्यान-करणं वरम् । बन अहम्नः श्रोतयोरवैत, कर्मणां जायते क्षयः ।। बर्ने अहम J ष्ठ प्रतत्न सुनना धर्म है और प्रतवन करना भी धर्म है। कार्य है। प्रवचन-वन्तों दोनों के कार्यो का साय होता है।
SR No.009660
Book TitleBane Arham
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlka Sankhla
PublisherDipchand Sankhla
Publication Year2010
Total Pages49
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size57 MB
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