________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जिंदगी इम्तिहान लेती है
१० हैं, उनके अभाव में, तेरी कल्पना का पात्र मिल भी गया, तू सुखानुभव नहीं कर सकेगा, तेरी कल्पना का स्वर्ग अदृश्य हो जाएगा। मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि तेरे पास वर्तमान में जो और जितने सुख के साधन हैं- तू उन साधनों का मूल्यांकन कर, उन साधनों को उपलब्ध कराने वालों का मूल्यांकन कर | ___ एक रोचक प्रसंग याद आ गया। सोक्रेटीस के जीवन का प्रसंग है। सोक्रेटीस का १५ साल का लड़का अपनी माँ से परेशान था, सोक्रेटीस के पास आकर कहता है : मुझे मेरी माँ के साथ नहीं रहना है...।
सोक्रेटीस ने पूछा : 'क्यों?' 'लड़के ने कहा : 'मेरी माँ मुझे परेशान करती है... मेरे से लड़ती है...' सोक्रेटीस ने कहा : 'तेरी माँ का यह तो स्वभाव हो गया है... बेटा, मैं कितने वर्षों से यह स्वभाव निभाता रहा हूँ... तुझे भी निभाना चाहिए | तू याद कर : जब तू बीमार हो गया था, उस समय दिन-रात तेरे पास कौन बैठा रहा था? तेरी माँ न? तुझे समय पर दवाई कौन देता था? तेरी माँ न? तेरे सिर पर 'आईस बेग' कौन रखता था? तेरी माँ न? तेरे शरीर को 'स्पंज' कौन करता था? तेरी माँ न? मैंने तो कुछ भी सेवा नहीं की थी? ऐसी माँ के प्रति तू नफरत करता है? ऐसी माँ से तू दूर रहना चाहता है?
लड़के की दृष्टि में माँ की कल्पना बदल गयी! माँ के प्रति आदर और बहुमान पैदा हो गया उसके मन में।
क्या किया सोक्रेटीस ने? लड़के को स्वाभाविक रूप से जो माता की सेवा मिल रही थी, जिसका मूल्यांकन लड़का नहीं कर रहा था, सोक्रेटीस ने मूल्यांकन कर बताया। हाँ, ऐसा कोई नियम नहीं है कि एक व्यक्ति में हम चाहें वैसी सभी प्रकार की योग्यता हो! सब प्रकार के गुण हों! हम भी वैसे सर्वगुण संपन्न हैं क्या? जो अपेक्षा हम अपने स्नेही-स्वजन और मित्रों से रखते हैं, क्या उन सबकी अपेक्षाएँ हम पूर्ण कर सकते हैं? ___ मेरे प्यारे मित्र, मेरी यह स्पष्ट राय है कि तेरे पास आज जो भी सुख के साधन हैं, उनका मूल्यांकन कर और संतुष्ट बन! विशाल विश्व के असंख्य मानवों की तरफ तो जरा देख... तेरे पास जितने सुख के साधन हैं, कितने मानवों को ये उपलब्ध हैं? तेरे पास मकान है... करोड़ों मनुष्य बेघर हैं। तेरे पास भर पेट खाने को भोजन हैं... करोड़ों मनुष्य भूखे पेट सो जाते हैं! तेरे पास पहनने को कितने कपड़े हैं? जबकि करोड़ों मनुष्य नंगे भटक रहे हैं! तेरे
For Private And Personal Use Only