SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 48
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रथम सर्गः ऐसे राज्यग्रहण किये हुए अधिपति के समान, राज्य के अधिपति ( स्वामी) के तमान । सन्ततं = निरन्तर, सर्वदा । साधु=अच्छी तरह । दर्शयते प्रदर्शित करता है. दिखलाता है। अनु०-अभिमानरहित वह ( दुर्योधन ) सेवकों को प्रेमयुक्त मित्रों की और मित्रों को बन्धुजनों की तरह समान सम्मान वाला तथा बन्धुजनों को राज्यग्रहण किए हुए अधिपति के समान सदैव (निरन्तर ) अच्छी तरह से दिखालाता है (प्रदर्शित करता है ) [अर्थात् दुर्योधन सेवकों के साथ मित्र की तरह , मित्रों के साथ बन्धु की तरह और बन्धुजनों के साथ अपने समान धिपति की तरह ) व्यवहार करता है ] । सं० व्या०-सेवकमित्रबन्धजनान् प्रति अतीव सम्मानपूर्णः व्यवहारः तुर्योधनस्येति प्रतिपाद्यतेऽस्मिन् श्लोके । अहंकारशून्यः दुर्योधनः सेवकान् प्रति तथा व्यवहरति यथा जनाः मित्राणि प्रति व्यवहरन्ति । मित्राणि प्रति स तथा व्यवहरति यथा जनाः भ्रात्रादीन् प्रति व्यवहरन्ति । भ्रात्रादीन् प्रति सः तथा व्यवहरति यथा ते भ्रात्रादयः स्वकीयमाधिपत्यं सन्यन्ते । अर्थात् अतिविनम्रः दुर्योधनः सेवकैः सह मित्रवत् , मित्रैः सह वन्धुवत , बन्धुभिः सह आत्मवत् व्यवहरति । सर्वान् प्रति सम्मानाधिक्यप्रदर्शनेन दुर्योधने सर्वेषां जनानां प्रीतिः जाता। सर्वेषां जनानां सः प्रियः जातः । स०-गतः स्मयः यस्मात् स गतस्मयः ( बहु०)। प्रीत्या युज्यन्ते इति प्रतियुजः तान् (उपपदसमास)। समानः मानः येषां ते समानमानाः तान् (बहु०)। शोभनं हृदयं येषां ते सुहृदः, तान् (बहु०)। कृतम् आधिपत्य यस्याः सा कृताधिपत्या, ताम् (बहु०)। ___ व्या०-बन्धुतां-बन्धूनां, समूहः बन्धुता, ताम्। बन्धु+तल+टाप श्त्रियाम् । दर्शयते-दृश् + णिच् लट् , अन्यपुरुष, एकवचन । टि०-(१) जो व्यक्ति जिस योग्य है उसका उससे अधिक सम्मान करके दुर्योधन सब लोगों का प्रिय बनता जा रहा है। वह सबको अपने अनुकूल बना रहा है। गुप्तचर यह संकेत कर रहा है कि सम्पूर्ण प्रजा दुर्योधन में अनु
SR No.009565
Book TitleKiratarjuniyam
Original Sutra AuthorMardi Mahakavi
AuthorVirendrakumar Sharma
PublisherJamuna Pathak Varanasi
Publication Year
Total Pages126
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size83 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy