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क्रिया-कोश •०६४ मलयगिरि :---
(क) कर्मबन्धनिबन्धभूतार्थक्रिया :-... (१) करणं क्रिया, कर्मबन्धनिबन्धचेष्टा इत्यर्थः ।
पण्ण० प २२ । स १५६७ ! टीका ०७ क्रिया के भेद .०७ १ एक भेद (क) एगा किरिया।
-सम० सम १ ! सू १ । पृ० ३१६
---ठाण स्था १ ! स ४ । पृ० १८३ क्रिया एक है अतः कायिकी आदि (काया-वचन-मन सम्बन्धी) किया अथवा केवल आस्तिक्य (आस्तिकता) क्रिया कहलाती है; यह एक है। विशेष विवक्षा न करने से करण मात्र को विवक्षा होने से क्रिया एक है। जो किया जाय वह क्रिया । (ख) एगा अकिरिआ।
-समः सम १ । स०१। पृ० ३१६ अक्रिया अर्थात् योग का निरोध- अतः अक्रिया भी एक है।
०७.२ दो भेद ०७.२.१ जीवक्रिया... अजीव क्रिया दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा--- जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव ।
ठाणा० स्था २ । उ १ । स ६० । पृ० १८५ किया के दो भेद - जीवक्रिया तथा अजीवक्रिया। ०७.२२ कायिकी क्रिया -- आधिकरणिकी क्रिया । दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा--काश्या चेव अहिंगरणिया चेव ।
ठाण स्था २ । उ १ । स ६० । पृ० १८६ क्रिया के दो भेद--कायिकी क्रिया तथा आधिकरणिकी क्रिया । .०७.२.३ प्राषिकी क्रिया .. पारितापनिकी क्रिया दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा- पाओसिया चेव पारियावणिया चेव ।
--ठाण स्था २ । उ १ ! सू ६० । पृ० १८६ क्रिया के दो भेद प्राद्वेषिकी क्रिया तथा पारिता पनिकी किया । ०७.२४ प्राणातिपातिकी क्रिया - अप्रत्याख्यान क्रिया
दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा--- पाणावायकिरिया चेव अपञ्चक्वाणकिरिया चेव ।
-ठाण. स्था २ । उ १ । सू ६० । पृ० १८६
"Aho Shrutgyanam"