SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 357
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्रिया-कौश त्ति वा निद्धे त्ति वा लुक्खे त्ति वा! एवं असंते असंविजमाणे। जेसिं तं सुयक्खायं भवइ-अन्नो जीवो अन्नं शरीरं, तम्हा ते नो एवं उवलब्भंति । से जहानामए --केइ पुरिसे कोसीओ असिं अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो! असी, अयं कोसी, एवमेव नत्थि केइ पुरिसे अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदसेत्तारो अयमाउसो ! आया इयं सरीरं । से जहानामए केइ पुरिसे मुंजाओ इसियं अभिनिवट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो मुंजे इयं इसियं, एवमेव नस्थि के पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो ! आया इयं सरीरं। से जहानामए-केइ पुरिसे मंसाओ अट्ठि अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! मंसे अयं अट्ठी, एवमेव नथि केइ पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो आया इयं सरीरं। से जहानामए---केइ पुरिसे करयलाओ आमलकं अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदसेजा अयमाउसो करयले अयं आमलए, एवमेव नथि केइ पुरिसे उवदंसेत्तारो अयमाउसो आया इयं सरीरं ।। से जहानामए-केइ पुरिसे दहीओ नवणीयं अभिनिव्वहिताणं उवदंसेज्जा अयमाउसो! नवणीयं अयं तु दही, एवमेव नत्थि केइ पुरिसे जाव सरीरं। से जहानामए-केइ पुरिसे तिलहितो तेल्लं अभिनिवट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! तेल्लं अयं पिण्णाए, एवमेव जाव सरीरं। से जहानामए---केइ पुरिसे इक्खूओ खोयरसं अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! खोयरसे अयं छोए, एवमेव जाव सरीरं । से जहानामए के पुरिसे अरणीओ अग्गिं अभिनिव्वट्टित्ता णं उवदंसेज्जा अयमाउसो ! अरणी अयं अम्गी, एवमेव जाव सरीरं । एवं असंते असंविजमाणे। जेसिं तं सुयक्खायं भवइ, तंजहा-अन्नो जीवो अन्नं शरीरं । तम्हा ते मिच्छा। xxx। पढमे पुरिसजाए तज्जीवतच्छरीरए त्ति आहिए। -सूय० श्रु २ । अ१ । सू६ । पृ० १३७-१३८ यह धर्म सु-आख्यात सुप्रणोत है, यथा-पदतल से ऊँचे तक, माथे की चोटी से नीचे तक, तिरछे में चमड़ी से चमड़ी पर्यन्त जीव है अर्थात यह शरीर ही जीव है, शरीर से अन्य कोई जीव नहीं है । आत्मा शरीर को पर्याय है, यही संपूर्ण जीव है। जब तक यह शरीर जीवित रहता है तब तक यह जीव जीवित रहता है। शरीर के मर जाने पर जीव का भी विनाश हो जाता है। जब तक शरीर है तब तक आत्मा को धारण करता है । शरीर के "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy