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________________ क्रिया-कौश कृष्णलेशी यावत कापोतलेशी तथा अलेशी क्रियावादी मनुष्य, केवलज्ञानी क्रियावादी मनुष्य, अवेदक क्रियावादी मनुष्य, अकषायी क्रियावादी मनुष्य तथा अयोगी क्रियावादी मनुष्य किसी भी प्रकार का आयुष्य नहीं बाँधते हैं । क्रियावादी वाणव्यन्तर-ज्योतिषी वैमानिक देव केवल मनुष्य का आयुष्य ही बाँधते हैं 1 सलेशी यावत् अनाकारोपयोग तक जो-जो विशेषण क्रियावादी वाणव्यन्तर-ज्योतिषीवैमानिक देवों में पाये जायें उन उन विशेषणों सहित क्रियावादी वाणव्यन्तर-ज्योतिषीवैमानिक देव केवल मनुष्य का आयुष्य ही बाँधते हैं ! २७० .६.२.४.३.५. क्रियावादी ( समदृष्टि ) जीव और भवसिद्धकता - किरियाबाई णं भंते ! जीवा किं भवसिद्धिया, अभवसिद्धिया ! गोयमा ! भवसिद्धिया नो अभवसिद्धिया | xxx | सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियाबाई किं भव० --- पुच्छा । गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । xxx | एवं जाव - सुक्कलेस्सा | अलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावाई किं भव० - पुच्छा ! गोयमा ! भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । एवं एएणं अभिलावेण xxx सुक्कपक्खिया चउसु वि समोसरणेसु भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा | ××× { नाणी जाव -- केवलनाणी भवसिद्धिया, नो अभवसिद्धिया । xxx । सन्नासु चउसु वि जहा सहसा | नो सन्नोवउत्ता जहा सम्मदिट्ठी । सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा । अवेदगा जहा सम्मदिट्ठी । सकसायी, जाव - लोभकसायी जहा सलेस्सा | अकसायी जहा सम्मदिट्ठी । सजोगी जाब- कायजोगी जहा सलेहसा । अजोगी जहा सम्मदिट्ठी | सागारोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा | ( प्र ३४ ) एवं नेरइया वि भाणियव्वा, नवरं नायव्वं मं अस्थि । एवं असुरकुमारा वि जाव थणियकुमारा xxx | पंचिदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया | नवरं नाथव्वं जं अस्थि । मणुस्सा जहा ओहिया जीवा । वाणमंतर - जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा । ( प्र ३४ ) --भग० श ३० उ १ । प्र ३०, ३२.३४ १०६०८, ६०६ क्रियावादी जीव भवसिद्धिक होते हैं, अभवसिद्धिक नहीं 1 सलेशी, कृण्णलेशी यावत् शुक्ललेशी तथा अलेशी क्रियावादी जीव, शुल्कपाक्षिक क्रियावादी जीव, समदृष्टि क्रियावादी जीव, ज्ञानी, मतिज्ञानी यावत् केवलज्ञानी क्रियावादी जीव, आहारादि चारों संज्ञाओं में उपयोग वाले तथा संज्ञा में उपयोग रहित क्रियावादी जीव, सवेदक, स्त्री-पुरुष नपुंसक वेदक तथा अवेदक क्रियावादी जीव, सकषायी, क्रोध "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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