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क्रिया-कोश
गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाजयं पकरेंति, मणुस्साउयं पकरेंति, देवाउयं पकरेंति । ( २३ )
सलेस्सा णं भंते! नेरइया किरियाबाई किं नेरइयाउयं ( जाव पकरेंति) एवं सव्वे विरइया जे किरियावाई, ते मणुस्साज्यं एगं पकरेंति । xxx एवं जाव श्रणियकुमारा जहेव नेरइया ( प्र. २५ ) ।
किरियाबाई णं भंते ! पंचिदियतिरिक्खजोणिया किं नेरझ्याउयं पकरेंति जाव पुच्छा । गोयमा ! जहा मणपज्जवनाणी | xxx । जहा ओहिया तहा सलेस्सा वि । (प्र. २८ )
कण्हलेस्सा णं भंते! किरियाबाई पंचिदियतिरिक्खजोणिया कि नेरइयाउयं जाव करेंति ) पुच्छा । गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, नो मणुस्साउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति । xxx | जहा कण्हलेस्सा एवं नीलसावि, काउलेस्सा वि, तेउलेस्सा जहा सलेक्सा | xxx । एवं पहलेस्सा वि, एवं सुक्कलेस्सा वि भाणियव्वा ।
सुकपक्खिया जहा सलेस्सा |
सम्मदिट्ठी जहा मणपज्जावनाणी तहेव वैमाणियाणं पकरेति । xxx /
नाणी जाव - ओहिनाणी जहा सम्मद्दिट्ठी | xxx |
सेसा जाव -- अणागारोवउत्ता सव्वे जहा सलेस्सा तहा चेव भाणियव्वा ।
जहा पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं वत्तव्वया भणिया एवं मणुस्साण विभाणियव्वा, नवरं मणपज्जवनाणी नो सन्नोवउत्ता य जहा सम्मदिट्ठी तिरिक्खजोणिया तव भाणिव्वा । अलेस्सा केवलनाणी अवेदगा अकसायी अजोगी थ एए न एगं विआउयं करेंति । जहा ओहिया जीवा सेसं तद्देव ।
वाणमंतर - जोइसिय-वेनाणिया जहा असुरकुमारा । (प्र. २६ )
- भग० श ३० उ १ । प्र १० से २६ । पृ० ६०६ से ६०८
क्रियावादी जीव मनुष्य तथा देवता का आयुष्य बाँधते हैं, नारकी तथा तिर्यच योनिक जीव का आयुष्य नहीं बाँधते हैं, यदि देवता का आयुष्य बाँधते हैं तो भवनपति, वाणव्यन्तर, ज्योतिषी देवों का आयुष्य नहीं बाँधते हैं परन्तु वैमानिक देवों का आयुष्य बाँधते हैं ।
सलेशी, कृष्णलेशी यावत् शुक्ललेशी क्रियावादी जीव, शुक्लपाक्षिक क्रियावादी जीव, समदृष्टि क्रियावादी जीव, ज्ञानी, मति श्रुत-अवधिज्ञानी क्रियावादी जीव, आहारादि चारों
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