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________________ २६६ क्रिया कोश विशेषणों सहित नारकी का विवेचन वैसा ही करना जैसा उन-उन विशेषणों सहित औधिक जीव का किया गया है । भवनपति देव चारों वादी होते हैं। सलेशी यावत् अनाकारोपयोग तक जो-जो विशेषण भवनपति देवों में पाये जाँय उन-उन विशेषणों सहित भवनपति देवों का विवेचन वैसा ही करना जैसा उन-उन विशेषणों सहित औधिक जीव का किया गया है ।। - पृथ्वी-अप-अग्नि-वायु-वनस्पतिकाय तथा विकलेन्द्रिय जीव-औधिक तथा सविशेषण जो-जो उनमें पाये जायँ उन-उन विशेषणों सहित विवेचन करना । वे क्रियावादी तथा विनयवादी नहीं होते है । विशेषता यह है कि विकलेन्द्रिय जीव के सम्यग्दृष्टि तथा ज्ञानी विशेषणों में भी क्रियावादी तथा विनयवादी नहीं होते है, मध्य के दो समवसरण होते हैं। पंचेन्द्रिय तिर्य'चयोनिक जीव चारों वादी होते हैं ; सलेशी यावत् अनाकारोपयोग तक जो-जो विशेषण पंचेन्द्रिय तिर्यच योनिक जीवों में पाये जायँ उन-उन विशेषणों सहित पंचेन्द्रिय तिर्य च योनिक जीवों का विवेचन करना जैसा उन-उन विशेषणों सहित औधिक जीव का किया गया है । __मनुष्य चारों वादी होते हैं ; सविशेषण औधिक जीव के सम्बन्ध में जैसा कहा वैसा ही सभी विशेषण सहित मनुष्य जीव के सम्बन्ध में जानना । वाणव्यन्तर-ज्योतिषी-वैमानिक देवों में चारों वादी होते हैं ; सलेशी यावत् अनाकारोपयोग तक वाणव्यन्तर ज्योतिषी-वैमानिक देवों में जो-जो विशेषण पाये जाँय उन-उन विशेषणों सहित वाणव्यन्तर-ज्योतिषी वैमानिक देवों का विवेचन वैसा ही करना जैसा उनउन विशेषणों सहित औधिक जीव का किया गया है। ६.२ ४.३ ४ क्रियावादी ( समदृष्टि ) जीव और आयुष्य का बंधन :--- किरियावाई णं भंते ! जीवा किं नेरइयाउयं पकरंति, तिरिक्खजोणियाउथं पकरेंति, मणुस्साउयं पकरेंति, देवाउयं पकरेंति ? गोयमा ! नो नेरइयाउथं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मणुस्साउयं वि पकरेंति, देवाउयं वि पकरेंति । जइ देवाउयं पकरेंति किं भवणवासिदेवाउयं पकरेंति, जाव-वेमाणियदेवाउयं पकरेंति ? गोयमा ! नो भवणवासिदेवाउयं पकरेंति, नो वाणमंतरदेवाउयं पकरेंति, नो जोइसियदेवाउयं पकाति, वेमाणियदेवाउयं पकरेंति । (प्र १०-११) सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई किं नेरइयाउयं पकरेंति-पुच्छा। गोयमा ! नो नेरइयाउयं-- एवं जहेव जीवा तहेव सलेस्सा वि चउहि वि समोसरणेहिं भाणियव्वा । (प्र १३) "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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