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________________ क्रिया - कोश महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय जीव मक्रिय होते हैं, अक्रिय नहीं होते है । महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय जीव के इक्कीस शतक तथा प्रत्येक शतक में ग्यारह उद्देशक कहने चाहिए। तथा सभी में सक्रिय होते हैं, अक्रिय नहीं होते हैं—ऐसा कहना चाहिए । महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय में बारह गुणस्थान तक के जीवों का ही समावेश होता है - यह ख्याल रखना चाहिए । २४८ महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय के इक्कीस शतक इस प्रकार होते हैं औधिक महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय का एक शतक तथा कृष्णलेशी यावत् शुक्ललेशी औधिक महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय के छः शतक मोट सात शतक । इसी प्रकार भवसिद्धिक महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय के सात शतक तथा अभवसिद्धिक महायुग्म संज्ञी पंचेन्द्रिय के सात शतक – मोट इक्कीस शतक होते हैं ( देखिये भगवती श० ४० संपूर्ण ) । ८७ राशियुग्म जीव और सक्रियता - अक्रियता :-- [ जब एक दंडक के अनेक जीव एक साथ उत्पन्न होते हैं तो उस संख्या को राशियुग्म कहते हैं। राशियुग्म संख्या चार प्रकार की होती है यथा-- (१) कृतयुग्म, (२) व्योज, (३) द्वापरयुग्म तथा (४) कल्योज । जिस संख्या में चार का भाग देने से चार बचे वह कृतयुग्म संख्या कहलाती है, यदि तीन बच्चे तो वह व्योज संख्या कहलाती है, यदि दो बच्चे तो वह द्वापर संख्या कहलाती है, यदि एक बचे तो वह कल्योज संख्या कहलाती है। राशियुग्म संख्या से दंडक के सभी जीवों का विवेचन है और यह विवेचन " कहाँ से उपपात" आदि १३ बोलों से किया गया है । इन में से १३ वें बोल में जीव की सक्रियताअक्रियताका प्रश्न है उस बोल संबंधी पाठों का संकलन यहाँ पर किया गया है । ] *८७१ राशियुग्म कृतयुग्म जीव -- (रासी जुम्मकडजुम्मनेरइया णं भंते!) जइ आयअजसं उवजीवंति किं सलेस्सा अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सा, नो अलेस्सा। जइ सलेस्सा किं सकिरिया अकिरिया ? गोयमा ! सकिरिया, नो अकिरिया । जइ सकिरिया तेणेव भवग्गणेण सिज्मंति, जाव अंतं करेंति ? नो इणट्ठे सभट्ठे । ( प्र ११, १२, १३ ) रासी जुम्मकडजुम्म असुरकुमारा णं भंते ! कओ उववज्जति ? जहेब नेरइया तव निरवसेसं । एवं जाव पंचिदियतिरिक्खजोणिया । ( प्र १४ ) ( मणुस्सा ) जइ आयजसं उवजीवंति किं सलेस्सा अलेस्सा ? गोयमा ! सलेस्सा वि अलेस्सा वि । जइ अलेस्सा किं सकिरिया, अकिरिया ? गोयमा ! नो "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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