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________________ १८४ क्रिया-कौश इंगालकङ्क्षिणी निव्वत्तिया भत्था निव्वत्तिया वि णं जीवा काइयाए- जाव - किरियाहिं पुट्ठा | - पंचहि पुरिसे णं भंते! अयं अयकोट्टाओ अयोमएणं संडासएण गहाय अहिगर णिसिं aftaarणे वा निक्खिवमाणे वा कइ किरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे अयं अयकोट्ठाओ – जाव- निक्खिवर वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए- जावपाणावायकिरियाए पंचहि किरियाहिं पुट्ठे, जेसि पि य णं जीवाणं सरीरेहिंतो अए निव्वत्तिए संडासए निव्वत्तिए चम्भट्ठे निव्वत्तिए मुट्ठिए निव्वत्तिए अहिगरणी निव्वत्तिए (या) अहिगरणिखोडी निव्वत्तिया उदगदोणी निव्वत्तिया अहिगरणसाला निव्वत्तिया ते वि य णं जीवा काइयाए- जाव - पंचहि किरियाहिं पुट्ठा । -भग० श १६ । उ १ । प्र ३-४ । पृ० ७४० लोह के संडसा के द्वारा लोहवस्तु को ऊँचालोहवस्तु को ऊँचा - नीचा करता है तब तक कायिकी लोह को तपाने के लिए भट्टी में नीचा करते हुए पुरुष को जब तक आदि पाँच क्रियाएँ स्पृष्ट होती हैं । तथा जिन जीवों के शरीर से अंगारा निकालने की शलाका तथा पाँच क्रियाएँ स्पृष्ट होती हैं । भट्टी में से संडसा के द्वारा लोहवस्तु को निकाल हुए पुरुष को जब तक लोहवस्तु को एरण पर रखता है, उठाता आदि पाँच क्रियाएँ स्पृष्ट होती है । तथा जिन जीवों के शरीर से लोहवस्तु बनो, संडासा बना, घन बना, हथौड़ी बनी, एरण बनी, एरण खोदने की लकड़ी बनी, गर्म लोहवस्तु को ठण्डा करने की पानी की कुण्ड बनी, लोहारशाला बनी - उन सब जीवों को कायिकी आदि पाँच कियाएँ स्पृष्ट होती हैं । लोहवस्तु वनी, भट्ठी वनी, संडसा बना, अंगार बने, धौंकनी वनी - उन सब जीवों को भी कायिकी आदि कर एरण पर रखते ---उठाते उसको कायिकी तब त ८ वर्षा और पुरुष : पुरिसे णं भंते! वासं वास वासं नो वासतीति इत्थं वा पायं वा बाहुं वा उरु वा आउट्टामाणे वा पसारेमाणे वा कइ किरिए ? गोयमा ! जावं च णं से पुरिसे वासं वास वासं नो वासतीति हत्थं वा -- जाब- उरु वा आउंटावे वा पसारेइ वा तावं च णं से पुरिसे काइयाए - जाव - पंचहि किरियाहिं पुठ्ठे । - भग० श १६ । उ८ । प्र । पृ० ७५२ यह जानने के लिए कि वर्षा बरसती है या नहीं-हाथ, पैर, बाहु और शरीर को समेटता है या फैलाता है तो उस पुरुष को कायिकी आदि पाँच क्रियाएँ स्पृष्ट होती हैं । " Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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