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क्रिया-कोश है तथा जिसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके पारिग्रहिकी क्रिया कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं होती है। जिसके पारिग्रहिकी क्रिया होती है उसके अप्रत्याख्यान क्रिया कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं होती है तथा जिसके अप्रत्याख्यान क्रिया होती है उसके पारिग्रहिकी क्रिया नियम से होती है। जिस जीव के पारिनहिकी क्रिया होती है उसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया कदाचित होती है, कदाचित् नहीं होती है तथा जिसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके पारियहिकी क्रिया नियम से होती है ।
जिस जीव के मायाप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके अप्रत्याख्यान क्रिया कदाचित होती है, कदाचित् नहीं होती है तथा जिसके अप्रत्याख्यान क्रिया होती है उसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया नियम से होती है। जिस जीव के मायाप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया कदाचित् होती है, कदाचित नहीं होती है तथा जिसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया नियम से होती है ।।
. जिस जीव के अप्रत्याख्यान क्रिया होती है उसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं होती है तथा जिसके मिथ्यादर्शनप्रत्यायिकी क्रिया होती है उसके अप्रत्याख्यान क्रिया नियम से होती है ।
६५६ आरंभिकी क्रियापंचक की नियमा-भजना जीवदंडक की अपेक्षा
नेरइयस्स आइल्लियाओ चत्तारि परोप्परं नियमा कज्जइ, जस्स एयाओ चत्तारि कन्जंति तस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया भइज्जइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कजइ तस्स एयाओ चत्तारि नियमा कज ति, एवं जाव थणियकुमारस्स।
पुढवीक्काइयस्स जाव चरिंदियस्स पंचवि परोप्पर नियमा कन्जति । पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स आइल्लियाओ तिणि वि परोप्पर नियमा कन्जति, जस्स एयाओ कजति तम्स उवरिल्लाओ ( उवरिल्लिया) दो ( दोणि ) भइन्जंति, जस्स उवरिल्लाओ दोणि कजति तस्स एयाओ तिण्णि वि नियमा कजति । जस्स अपचक्खाणकिरिया तस्स मिच्छादसणवत्तिया सिय कन्जइ, सिय नो कन्जइ, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज्जइ तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया नियमा कज्जइ, मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणमंतरजोइसियवेमाणियस्स जहा नेरइयरस ।
-पण्ण० प २२ । सू१६३५ । पृ० ४८३ नारकी जीवके प्रथम की चार क्रियाएँ परस्पर में नियम से होती हैं जिसके ये चारों कियाएँ होती हैं उसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिको क्रिया की भजना-विकल्प अर्थात् कदाचित्
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