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________________ क्रिया - कोश • ६५८ आरंभिकी क्रियापंचक की नियमा भजना औधिक जीव की अपेक्षा : जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया कज्जइ तस्स पारिग्गहिया ( परिगहिया) किरिया कज्जर ? जस्स पारिग्गहिया किरिया कज्जत्र तरस आरंभिया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कज्जइ तस्स पारिगहिया सिय कज्जइ, सिय नो कज्जइ, जस्स पुण पारिगहिया किरिया कज्जर तरस आरंभिया किरिया नियमा कज्जइ । जस्स णं भंते ! जीवरस आरंभिया किरिया कज्जइ तस्स मायावत्तिया किरिया कज्जइ १० पुच्छा ! गोयमा ! जस्स णं जीवरस आरंभिया किरिया कज्जर तस्स मायावत्तिया किरिया नियमा कज्जर, जस्स पुण मायावत्तिया किरिया कज्जर तरस आरंभिया किरिया सिय कज्जइ, सिय नो कज्जइ । जस्स णं भंते जीवस्स आरंभिया किरिया कज्जइ तत्स अपचक्खाणकिरिया कज्जर १० पुच्छा ? गोयमा ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया किरिया कज्ज३ तास अपश्चक्खाणकिरिया सिय कज्जइ, सिय नो कज्जा, जस्स पुण अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ तस्स आरंभिया किरिया नियमा कज्जइ । एवं मिच्छादंसणवत्तियाए वि समं । एवं पारिग्महियावि तिहि उवरिल्लाहिं समं चारेयव्वा (संचारेयव्वा) । जस्स मायावत्तिया किरिया कज्जइ are saftलाओ दोवि सिय कज्जति, सिय नो कज्जंति, जस्स उवरिल्लाओ दो कति तस्स मायावत्तिया नियमा कज्जइ । जस्स अपच्चक्खाणकिरिया कज्जइ तस्स मिच्छादंसणवत्तिया किरिया सिय कन्ज, सिय नो कज्जर, जस्स पुण मिच्छादंसणकत्तिया किरिया तस्स अपचक्खाण किरिया नियमा कज्जइ । -- पण ० प २२ । सू १६२८ से १६३४ | पृ० ४८३ १४० जिस औधिक जीव के आरंभिकी क्रिया होती है उसको पारिग्रहिकी किया कदाचित् होती है, कदाचित नहीं होती है लेकिन जिसके पारिग्रहिकी क्रिया होती है उसके आरंभिकी किया नियम से होती 1 जिस जीव के आरंभिकी क्रिया होती है उसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया नियम से होती है तथा जिसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके आरंभिकी क्रिया कदाचित होती कदाचित नहीं होती है। जिस जीव के आरंभिक क्रिया होती है उसके अप्रत्याख्यान क्रिया कदाचित होती है, कदाचित नहीं होती है तथा जिस जीव के अप्रत्या ख्यान किया होती है उसके आरंभिकी क्रिया नियम से होती है। जिसके आरंभिकी क्रिया होती है उसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया कदाचित् होती है, कदाचित् नहीं होती है तथा जिसके मिथ्यादर्शनप्रत्ययिकी क्रिया होती है उसके आरंभिको किया नियम से होती है । जिस जीव के पारिग्रहिकी क्रिया होती है उसके मायाप्रत्ययिकी क्रिया नियम से होती "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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