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क्रिया-कोश
१३३ से गं अहामुत्तमेव रीयइ, से तेण?णं गोयमा ! जाव णो संपराइया किरिया कज्जा
__-.-भग० श ७ | उ ७ । प्र१ । पृ० ५२० __उपयोगपूर्वक-यत्नापूर्वक गमन करते हुए, खड़े होते हुए .--बैठते हुए, सोते हुए तथा यत्नासहित वस्त्र, पात्र, कंबल, पादपोंछन (रजोहरण) को ग्रहण करते हुए रखते हुए संवृज रेपिथिकी क्रिया होती है, सांपरायिकी क्रिया नहीं होती है। क्योंकि जिसके क्रोध-मान-माया-लोभ व्युच्छिन्न--क्षीण हो गये हैं उसके ऐर्यापथिकी क्रिया होती है, सांपरायिकी क्रिया नहीं होती है। सूत्रानुसार चलते हुए साधु को ऐपिथिकी क्रिया होती है, सूत्र के विपरीत चलते हुए साधु को सांपरायिकी क्रिया होती है ! जो संवृत्त अनगार सूत्रानुसार चलता है, उसके राग-द्वेष क्षीण हो गये हैं।
__अतः यह कहा गया है कि संवृत्त अनगार के क्रोध-मान-माया-लोभ के क्षीण होने से ऐर्यापथिकी क्रिया होती है, सांपरायिकी क्रिया नहीं ।
(ग) संवुडस्स णं भंते ! अणगारस्स वीयीपंथे ठिच्चा पुरओ रूवाई निज्मायमाणस्स मग्गओ रूवाई अवयक्खमाणस्स पासओ रूवाई अवलोएमाणस्स उड्ढे रुवाई आलोएमाणस्स अहे रूवाणि आलोएमाणस्स तस्स णं भंते! किं इरियावहिया किरिया कजइ, संपराइया किरिया कजइ ? गोयमा। संवुडस्स णं अणगारस्स वीयीपंथे ठिचा-जाव तस्स णं नो इरियावहिया किरिया कजइ, संपराइया किरिया कजा।
से केण?णं भंते ! एवं वुश्चइ---संवुडस्स-जाव-संपराइया किरिया कज्जइ ? गोयमा ! जस्स णं कोहमाणमायालोभा एवं जहा सत्तमसए पढमोहेसए–जावसे णं उस्सुत्तमेव रीयइ, से तेण?णं-जाव - संपराइया किरिया कज्जइ ।
-भग० श १० । उ २ । प्र १ । पृ० ६१४ वीचिमार्ग में अवस्थित---कषाय भाव में स्थित-कषायभाव से--सामने, पीछे, अगल-बगल, ऊँची, नीची रूपी वस्तुओं को अवलोकन करते हुए संवृत्त अणगार को ऐापथिकी क्रिया नहीं होती है, सांपरायिक क्रिया होती है। क्योंकि जिसके क्रोध-मान-मायालोभ व्युच्छिन्न--क्षीण हो गये हैं उसके ऐपिथिकी क्रिया होती है, सांपरायिकी क्रिया नहीं होती है ; जिसके क्रोध-मान-माया-लोभ अव्युच्छिन्न--क्षीण नहीं हुए हैं उसके सांपरायिकी क्रिया होती है, ऐयापथिकी क्रिया नहीं होती है ।
___ सूत्रानुसार चलते हुए साधु को ऐपिथिकी क्रिया होती है, सूत्र के विपरीत चलते हुए साधु को सांपरायिकी क्रिया होती है ! जो अनगार सूत्रविरुद्ध चलता है उसके रागद्वेष क्षीण नहीं हुए है इसलिए यह कहा गया है कि जिसके क्रोध-मान-माया-लोभ क्षीण नहीं हुए हैं उसके सांपरायिकी क्रिया होती है ।
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