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________________ क्रिया-कोश १३१ (ख) xxx एवं जहा जीवाभिगमे जाव सम्मत्त किरियं वा मिच्छत्तकिरियं वा । - भग० श ७।४। प्र १ । पृ० ५१६ अन्य मतवाले ऐसा कहते हैं कि एक जीव एक समय में दो क्रियाएँ सम्यक्त्वमिथ्यात्व ) करता है, इत्यादि । उनका ऐसा कहना गलत है । एक जीव जिस समय में सम्यक्त्वक्रिया करता है उस समय मिथ्यात्वक्रिया नहीं करता है, जिस समय मिथ्यात्व - क्रिया करता है उस समय सम्यक्त्वक्रिया नहीं करता है । सम्यक्त्व क्रिया करने से मिथ्यात्व क्रिया नहीं करता है, मिथ्यात्व किया करने से सम्यक्त्वक्रिया नहीं करता है । अतः एक जीव एक समय में एक क्रिया करता है - सम्यक्त्वक्रिया अथवा मिथ्यात्वक्रिया । ६४ २ ऐर्यापथिकी-सांपरायिकी क्रियाद्वयक ६४ २१ ऐर्यापथिकी और साम्परायिकी - दोनों क्रियाएँ एक जीव के एक समय में नहीं होतीं : : "अन्नउत्थिया णं भंते ! एवमाइक्खंति- -जाव - - "एवं खलु एगे जीवे एगेणं समरणं दो किरियाओ पकरेइ । तंजहा - इरियावहियं च संपराश्यं च । जं समयं इरियावहियं पकरे, तं समयं संपराइयं पकरेइ ; जं समयं संपराश्यं पकरे, तं समयं इरियावहियं पकरेs ; इरियावहियाए पकरणयाए संपराइयं पकरेश, संपराइयाए पकरणयाए इरियावहियं पकरेइ । एवं खलु एगे जीवे एगेणं समएणं दो किरियाओ पकरेइ, तं जहा—इरियावहियं च संपराइयं च । से कहमेयं भंते ! एवं ? गोयमा ! जं णं ते अन्नउत्थिया एवमाइक्खंति, तं चैव - जाव - जे ते एवं आहिंसु, मिच्छा ते एवं आहिंसु । अहं पुण गोयमा ! एवं आइक्खामि एवं खलु एगे जीवे एगसमए एक्कं किरियं पकरेइ | परउत्थिवत्तव्वं नेयव्वं । ससमयवत्तव्वयाए नेयव्वं - जाव -- इरियावहियं संपराइयं वा ।" भग० श १ । १० । प्र ३२५ । पृ० ४१५ अन्य मतवाले कहते हैं कि एक जीव एक समय में दो क्रियाएँ ( ऐर्यापथिकीसाम्परायिकी ) करता है इत्यादि । लेकिन उनका ऐसा कहना गलत है। एक जीव एक समय में एक ही क्रिया करता है । जिस समय एक जीव ऐर्यापथिकी क्रिया करता है उस समय साम्पराधिक क्रिया नहीं करता है तथा जिस समय एक जीव साम्परायिको क्रिया करता है। उस समय ऐर्यापथिकी क्रिया नहीं करता है । ऐर्यापथिकी करने से साम्परायिकी नहीं करता है तथा साम्परायिकी करने से ऐर्यापथिकी नहीं करता है । एक समय में एक जीव एक हो किया करता है, ऐर्यापथिको क्रिया अथवा साम्परायिकी क्रिया । "Aho Shrutgyanam"
SR No.009528
Book TitleKriya kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1969
Total Pages428
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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