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जिसको
धर्म कार्य तो रुचता नहीं, जैसे-तैसे उसको पूरा करना चाहता है पर व्यापार आदि को रुचिपूर्वक करता है सो यह ही मिथ्यादृष्टि
का चिन्ह
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WWAWAZAZ
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तीव्रता मिथ्यात्वयुक्त जीवों को धर्म का निमित्त मिलने पर भी 5
धर्मबुद्धि नहीं
मिथ्यात्व.
का यदि अंश भी हो तो दर्शन-ज्ञानचारित्र-तपमयी बोधि नहीं होती अतःA उसका त्याग
करो।
होती।
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