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________________ गाथा - ६२ I निर्विकल्पदशा द्वारा उसका अनुभव करना । योगसार है न ? आत्मा को आत्मा के द्वारा, यह योगसार है। आत्मा द्वारा.... चैतन्य महासत्ता वस्तु है । चैतन्य महासत्ता अनादि-अनन्त ज्ञान, दर्शन, आनन्द सम्पन्न वस्तु है । विकार और शरीर, कर्म, ये इसमें नहीं हैं, वे तो परचीज हैं। ऐसे आत्मा द्वारा आत्मा का अनुभव करना, वह मोक्षमार्ग है। बहुत संक्षिप्त और सार में सार बात है ! ४३० I भगवान आत्मा पवित्र शुद्ध आनन्दधाम ( है ) । उसे आत्मा द्वारा अर्थात् उसकी स्वभाव की परिणति - विकाररहित द्वारा, विकाररहित अवस्था द्वारा अनुभव करना, वह एक ही मोक्ष का मार्ग है। समझ में आया ? अनुभव करना, वह मोक्षमार्ग है। पाठ में तो यह है न? क्या फल नहीं मिलता ? ऐसा कहते हैं। भगवान आत्मा अपना निजस्वरूप शुद्ध आनन्द, उसके द्वारा उसका अनुभव करने से क्या फल नहीं होगा ? क्या फल नहीं होगा ? बीच में मति - श्रुतज्ञान की विशेषता प्रगटे, अतीन्द्रिय आनन्द का अनुभव हो, क्रम-क्रम से आगे बढ़ते हुए अनुभव करने से केवलज्ञान होता है। क्या फल नहीं होता ? कहो, इसमें कुछ कारण, यह संहनन होवे तो हो और यह राग, व्यवहार, विकल्प होवे तो हो, यह बात है या नहीं ? दूसरे शास्त्र में ऐसा निमित्तपने का ज्ञान कराया है । उस समय दूसरी चीज पृथक् है, राग की मन्दता, संहनन आदि का ज्ञान कराया है कि एक ऐसी चीज है परन्तु साधन तो स्वभाव का स्वभाव द्वारा ही उसकी मुक्ति का साधन है, दूसरा कोई उपाय है नहीं। समझ में आया ? वीतरागस्वभावी आत्मा, सर्वज्ञस्वभावी आत्मा या वीतरागस्वभावी आत्मा, उसे वीतरागी पर्याय द्वारा ही अनुभव हो सकता है अर्थात् निश्चय से सम्यग्दर्शन - ज्ञान - चारित्र, जो निश्चयसम्यग्दर्शन- ज्ञान - चारित्र है, वह वीतरागी दशा है, उस वीतरागी दशा द्वारा आत्मा का अनुभव होता है। समझ में आया ? जब तक केवलज्ञान नहीं होता, तब तक यह आत्मज्ञानी ध्यान के समय चार फल पाता है। यह जरा थोड़ी बात की है । आत्मिकसुख का वेदन होता है । यह केवलज्ञान फल पाता है - ऐसा कहा है न! बीच में क्या फल नहीं पाता ? सब पाता है । आत्मा अपने निजस्वरूप - परमानन्द उसका रूप, उसका अन्तर के आनन्द द्वारा अनुभव
SR No.009481
Book TitleYogsara Pravachan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year2010
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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