________________ [xvii] ज्ञानियों का प्रत्यक्ष उपदेश सुनना चाहिए। जिज्ञासुओं को सत्पुरुष श्री कानजीस्वामी के अध्यात्मिक व्याख्यानों का अवश्य लाभ लेना चाहिए।* ऐसा लाभ लेना आत्मा के लिए विशेष लाभ का कारण होगा। आभार दर्शन यह पुस्तक तैयार करने में ब्रह्मचारी चन्दुभाई, ब्रह्मचारी गुलाबचन्दभाई, श्री हीराचन्दभाई आदि जिन-जिन स्वधर्मी बन्धुओं ने सहयोग दिया है, विशेषरूप से भाईश्री छोटालाल गुलाबचन्द गाँधी, B.A. Hons., S.T.C. सोनासणवालों ने विशेष सेवा प्रदान की है; उन सबका आभार मानता हूँ। सोनगढ़ रामजी माणेकचन्द दोशी वीर सं० 2483 प्रमुख-श्री दि० जैन स्वाध्याय पौष बदी 14 मन्दिर ट्रस्ट, सोनगढ़ (सौराष्ट्र) आज पूज्य गुरुदेवश्री की सदेह अनुपस्थिति में भी, गुरुदेवश्री द्वारा प्रदत्त नौ हजार प्रवचन 16 डी.वी.डी. में उपलब्ध हैं, जिनका प्रतिदिन श्रवण करना प्रत्येक साधर्मी का आत्महितकारी कर्तव्य है। - सम्पादक