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प्रकरण आठवाँ
प्रश्न 23 - परोक्ष प्रमाण के अन्य किस प्रकार से भेद हैं ?
उत्तर - उसके अन्य पाँच भेद हैं - (1) स्मृति, (2) प्रत्यभिज्ञान, (3) तर्क, (4) अनुमान और (5) आगम।
1. स्मृति - पूर्व काल में देखे जाने या अनुभव किये पदार्थ को याद करना, उसे स्मृति कहते हैं।
2. प्रत्यभिज्ञान - स्मृति और प्रत्यक्ष के विषयभूत पदार्थों में जोड़रूप ज्ञान को प्रत्यभिज्ञान कहते हैं; जैसे कि यह वही मनुष्य है, जिसे कल देखा था।
3. तर्क - (1) व्याप्ति के ज्ञान को तर्क कहते हैं; अथवा (2) हेतु से जो विचार में लिया, उस ज्ञान को तर्क कहते हैं।
4. अनुमान - साधन से साध्य के ज्ञान को अनुमान कहते हैं।
5. आगम - आप्त के वचनों से उत्पन्न हुए अर्थज्ञान को आगम कहते हैं।
[यहाँ तो, आगम-अनुमानादिक परोक्ष ज्ञान द्वारा आत्मा का अनुभव होता है। जैनागम में जैसा आत्मा का स्वरूप कहा है, उसे वैसा जानकर उसमें अपने परिणामों को मग्न करता है, इसलिए उसे आगम परोक्ष प्रमाण कहते हैं।
अथवा मैं आत्मा ही हूँ, इसलिए मुझमें ज्ञान है; जहाँ-जहाँ ज्ञान है, वहाँ-वहाँ आत्मा है; जैसे कि - सिद्धादिक तथा जहाँ आत्मा नहीं, वहाँ ज्ञान भी नहीं; जैसे कि - मृत कलेवरादि; इस प्रकार अनुमान द्वारा वस्तु का निश्चय करके उसमें (वह अपने) परिणामों को मग्न करता है, इसलिए अनुमान परोक्ष प्रमाण कहा जाता है।