________________
श्री जैन सिद्धान्त प्रश्नोत्तरमाला
161
योग्यता शब्द का उपयोग निम्नोक्त शास्त्रों में किया गया है। उसे पढ़कर योग्यता का सच्चा अर्थ समझने का जिज्ञासुओं से नम्र अनुरोध है -
1. प्रवचनसार - गाथा 44, 167, 168, 169 टीका। 2. समयसार - गाथा 13, 275, 318, 373 टीका 3. नियमसार - गाथा 63 टीका 4. पञ्चास्तिकाय - गाथा 64, 66, 99 टीका।
5. इष्टोपदेश - गाथा 35 टीका, तथा गाथा 2, मूल में (योग्योपादान – योगेन)
6. अष्टसहस्त्री - श्लोक 88 टीका। 7. अष्टशती - श्लोक 88 टीका। 8. प्रमेयकमलमार्तण्ड - पृष्ठ 105, 'योग्यता एवं शरणम्' 9- प्रमाणपरीक्षा - पृष्ठ 52, 67 । 10. तत्त्वार्थसूत्र - अध्याय 8, सूत्र 2 ।
11. तत्त्वार्थसार - पृष्ठ 37, 95, 164, 166, 176, 182, 183, 284, 286, 305, 309 योग्यता एवं शरणम्
12. तत्त्वार्थ श्लोकवार्तिक – पृष्ठ 230, 249, संस्कृत। 13. परीक्षामुख - द्वितीय अध्याय,सूत्र 9 14. गोम्मटसार कर्मकाण्ड - गाथा 52, 190-286 प्रश्न 24 - निमित्त को वास्तव में अकिञ्चितकर क्यों कहा? उत्तर - (1) संसार में या मोक्ष में आत्मा अपने आप सुखरूप