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प्रकरण चौथा
प्रश्न 15 - चारों अभाव किस द्रव्य में लागू होते हैं? उत्तर - पुद्गलद्रव्य में।
प्रश्न 16 - प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव कितने द्रव्यों में लागू होता है?
उत्तर - छहों द्रव्यों को अपनी-अपनी पर्यायों में। प्रश्न 17 - अन्योन्याभाव कितने द्रव्यों में लागू होता है ? उत्तर - परस्पर पुद्गलद्रव्यों की वर्तमान पर्याय में ही। प्रश्न 18 - अत्यान्ताभाव कितने द्रव्यों में लागू होता है? उत्तर - छहों द्रव्यों में।
प्रश्न 19 - इन चार अभावों का न माना जाए तो क्या दोष आएगा?
उत्तर - (1) प्रागभाव न मानने से कार्य अनादि सिद्ध होगा। (2) प्रध्वंसाभाव न माने तो कार्य अनन्त काल रहेगा। __ (3) अन्योन्याभाव न मानने से एक पुद्गलद्रव्य की वर्तमान पर्याय का दूसरे से पुद्गलद्रव्य की वर्तमान पर्याय में अभाव है, वह नहीं रहेगा।
(4) अत्यन्ताभाव न मानने से प्रत्येक पदार्थ की भिन्नता नहीं रहेगी। जगत् के सर्व द्रव्य एकरूप हो जाएँगे।
प्रश्न 20 - इन चार प्रकार के अभावों को समझने से धर्म सम्बन्धी क्या लाभ होगा?
उत्तर - (1) प्रागभाव से ऐसा समझना चाहिए कि - अनादि काल से यह जीव, अज्ञान-मिथ्यात्व और रागादि दोष नये-नये