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________________ 106 प्रकरण चौथा (प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव - दोनों एक ही द्रव्य की पर्यायों को लागू होते हैं । ) प्रश्न 5 - श्रुतज्ञान (वर्तमान में ) है; उसमें प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव बतलाओ ? उत्तर - श्रुतज्ञान का मतिज्ञान में प्रागभाव है और श्रुतज्ञान का केवलज्ञान में प्रध्वंसाभाव है । प्रश्न 6 - दही को वर्तमान पर्यायरूप में लेकर उसका प्रागभाव और प्रध्वंसाभाव समझओ । उत्तर - दही की पूर्व पर्याय दूध थी, उसमें दही का अभाव था, इसलिए उसका प्रागभाव है; और मट्ठा दही की भविष्य की पर्याय है, उसमें दही का अभाव है, इसलिए उसका प्रध्वंसाभाव है। प्रश्न 7 अन्योन्याभाव किसे कहते हैं ? 1 उत्तर एक पुद्गलद्रव्य की वर्तमान पर्याय का दूसरे पुद्गलद्रव्य की वर्तमान पर्याय में जो अभाव, उसे अन्योन्याभाव कहते हैं । — प्रश्न 8- दूध, दही और मट्ठा - यह तीन वर्तमान वस्तुएँ हैं; उनमें कितने और कौन-कौन से अभाव हैं ? उत्तर - तीनों पुद्गलद्रव्य की वर्तमान पर्यायें हैं, इसलिए उनमें एक ही अन्योन्याभाव है। प्रश्न 9 - छप्पर को दीवार का आधार है और नलियों को छप्पर का आधार है - यह ठीक है ? उत्तर - नहीं, क्योंकि उनमें अन्योन्याभाव है । प्रत्येक की
SR No.009453
Book TitleJain Siddhant Prashnottara Mala Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendra Jain
PublisherKundkund Kahan Parmarthik Trust
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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