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सूर्य किरण चिकित्सा
यदि सौर ऊर्जा का नियमित विधिवत आवश्कतानुसार प्रयोग कर मस्तिष्क · को सौर ऊर्जा से उत्प्रेरित कर दिया जाये तो मानव जीवन की अधिकांश समस्याओं
का समाधान सहज हो सकता है और हमारे जीवन में सकारात्मक सोच, आत्म विश्वास में वृद्धि तनाव एवं भय से मुक्ति हो जाती है। भूख एवं अन्य कामनाओं पर सरलता से विजय प्राप्त की जा सकती है। प्रातः कालीन उदित सूर्य दर्शन से लाभ '
सूर्योदय के समय वायुमण्डल में अदृश्य परा बैगनी किरणों (Ultraviolet Rays) का विशेष प्रभाव होता है, जो विटामीन डी का सर्वोत्तम स्रोत होती है। ये किरणें रक्त में लाल और श्वेत कणों की वृद्धि करती है। श्वेत कण बढने से शरीर में रोग प्रतिकारात्मक शक्ति बढ़ने लगती है। परा बैंगनी किरणें तपेदिक, हिष्टिरिया, मधु मेह और महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी रोगों में बहुत लाभकारी होती हैं। ये शरीर में विकारनाशक शक्ति पैदा करती हैं तथा रक्त में कैलशियम की मात्रा भी बढ़ाती हैं, जिससे शरीर में हड्डियाँ मजबूत होती हैं। आंतों में अम्ल-क्षार का संतुलन एवं शरीर में फासफोरस-कैलशियम का संतुलन बना रहता है।
जिन स्थानों के वायु मण्डल में धूल, धुंआ, प्रदूषण, पर्यावरण आद्रता, कुहरा अथवा बादलों के छाये रहने से सूर्य की किरणें पृथ्वी पर नहीं पहुँच पाती, वहां के निवासी प्रायः अधिक रोगी होते हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण औद्योगिक शहर होते हैं। इसके विपरीत ग्रामीण खुले स्थानों पर लोग अधिक स्वस्थ रहते हैं।
सूर्य किरणों का स्वास्थ्य वर्धक प्रभाव .. सूर्य की गर्मी से वायु संचार होकर प्राकृतिक शुद्धि होती है। सूर्य किरणे गंदगी और दुर्गन्धता दूर करती हैं। जहाँ सूर्य प्रकाश का अभाव होता है, वहीं डाक्टर की आवश्यकता होती है। वास्तव में सूर्य के अभाव में स्वस्थ जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। रात्रि में सभी रोग अपेक्षाकृत अधिक परेशान करते हैं। अतः सूर्य का प्रकाश ही जीवन है और अन्धकालू ही मृत्यु । प्रातःकालीन सूर्योदय की
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