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सींग खाद ऐसे बनायें
सींग का चयन--सींग के खोलों को एकत्रा करें। ये खोल मृत गायों के सींग से निकाले जाते हैं। सींग खोल के चयन में ये सावधनियां आवश्यक हैं। (अ) सींग खोल गाय का हो। वह गाय कम से कम एक या दो बार ब्याई हो। (ब) सींग में छेद या दरार न हो। (स) यदि सींग पर रंग किया गया है तो उसे निकाल दें। (द) सींग की जड़ में बने हुए छल्लों से गाय कितनी बार ब्या चुकी है इसका
अनुमान लगाया जा सकता है। सींग खोल प्रत्येक गाँव में मृत गायों से प्राप्त किया जाय। (2) गोबर का चयन- ये सींग खोल में भरने के लिये गोबर दुधारु गाय का होना चाहिए। स्वस्थ गाय का गोबर ही प्रयोग में लायें। गाय के पंद्रह दिन पूर्व तक
औषधि नहीं दी गई हो तथा हरा चारा खायी गाय का ही गोबर प्रयोग में लायें। सींग खोल में भरने के लिये ताजे गोबर का ही प्रयोग करें। (3) सींग खोल गाड़ने के लिए गड्ढा -
अच्छी उपजाऊ जमीन में ही बनाना चाहिए। जमीन में पानी का भराव नहीं होना चाहिए। सींग गाड़ने के लिये 30 से 40 सें.मी. (एक से सवा फुट) गहरा गड्डा खोदना चाहिए। यदि इस स्तर पर मुरम आ जाए तो गड्ढे में जमीन के ऊपर की मिट्टी की परत बिछा दें। सींग की संख्या के अनुसार गड्ढे की लंबाई-चौड़ाई निर्धरित करें। यदि अधिक संख्या में सींग गाड़ रहे हों तो दो मीटर चौड़ा, चार मीटर लंबा तथा 40 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा बनाये। सामान्यतः जिस तरह की मिट्टी में सींग खाद बनाया जाता है उसी मिट्टी के गुणों को वह ग्रहण कर लेता है। यदि मिट्टी काली है तो सींग खाद काला दिखेगा, यदि मिट्टी रेतीली हो तो वह सींग खाद भी भूर-भूरा होगा। भले ही खाद का रंग अलग हो, उसका असर एक सा ही रहेगा। (4)खाद बनाने की विधि--
गाय के गोबर को अच्छी तरह मसलकर एक जैसा कर लें। यदि गोबर बहुत कड़ा हो तो थोड़ा सा पानी मिला लें। सींग के खोल में गोबर भरें। आवश्यक होने पर सींग को पत्थर या ईंट पर हल्की सी छपकी दें ताकि गोबर सींग खोल के अंदर तक पहुँच जाये। जब सींग खोलों में गोबर भर जाये तो गड्डे से निकाली हुई मिट्टी में थोड़ा सा पका हुआ गोबर का खाद मिलाएं। यदि मिट्टी सूखी हो तो थोड़ा पानी मिलाकर मिट्टी में नमी पैदा कर लें। नमी इतनी हो कि मिट्टी का गोला बन जाये
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स्वदेशी कृषि