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माने पूरी दुनिया में जितना अनाज पैदा हो रहा हैं। पूरी दुनिया में जितना अनाज के साथ-साथ दुसरे सामान पैदा हो रहे हैं। उद्योगों की मदद से जो सामान पैदा हो रहे हैं खेती की मदद से जो सामान पैदा हो रहे हैं। उनका कुल उत्पादन पूरी दुनिया में जितना था उसका कुल सत्तर प्रतिशत उत्पादन सिर्फ भारत और चीन का होता था। तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पूरी दुनिया के सकल उत्पादन का सत्तर प्रतिशत उत्पादन आज से करीब ढाई सौ तीन सौ साल पहले भारत और चीन का होता था। तो इन दोनों की खेती और खेती से जुडे हुए उद्योगों की कितनी उन्नती रही होगी।
1760 से अंग्रेजों का शासन भारत में शुरु माना जाता है। तो 1760 के बाद लगातार अंग्रेजों ने भारत की खेती पर ऐसे कानून लगाये, ऐसे अंकुश लगाए कि लगातार भारत की खेती बरबाद होती चली गई। 1760 के बाद 1820 के साल तक अंग्रेजों ने भारत की खेती को काफी नुकसान की स्थिति में पहुँचा दिया अपने कानूनों की मदद से। तो भी पूरी दुनिया में भारत और चीन की खेती का कुल उत्पादन और खेती से जुडे हुए उद्योगों का उत्पादन लगभग 60 प्रतिशत के आस-पास रहा। तो इस बात से अंदाजा लगता है कि कितनी उन्नत खेती और खेती से जुडे हुए उद्योग रहेहोंगे इस देश में। इसके अलावा खेती और किसानों से जुडे हुए लोगों की समृद्धि बहुत रही है इस देश में। आज से 200-300 साल पहले तक सबसे ज्यादा समृद्धिशाली वर्ग इस देश का किसान ही माना जाता रहा। आज से 200-300 साल पहले तक की स्थिति यह है कि समाज का सबसे ज्यादा पैसे वाला वर्ग किसान ही माना जाता रहा और समाज में सबसे अच्छा कर्म खेती का माना जाता रहा।
एक कहावत इस देश में कही जाती है उत्तम खेती, मध्यम वान' करे चाकरी कुकर निदान'। उत्तम खेती माने खेती सबसे महत्वपूर्ण व्यवसाय है। मध्यम वान माने बिजनेस है जो व्यापार है वो दूसरे नम्बर पर है। और करे चाकरी कुकर निदान माने नोकरी करना तो कुत्ते के जीवन बिताने जैसा माना जाता है। भारतीय समाज में तो खेती सबसे उन्नत व्यवसाय रहा। दूसरे नम्बर पर व्यापार और तीसरे नम्बर पर नौकरी-चाकरी मानी जाती है। यह स्थिति इस देश में आज से 200, 250, 300 साल पहले तक की है।
जब अंग्रेज भारत में आए हैं और सरकार बनाकर उन्होंने भारत में राज्य करना शुरु किया है। तब तक इस देश में खेती की उन्नति और खेती की स्थिति बहुत अच्छी है। भारत के किसानों के और खेती की स्थिति अच्छी होने के कुछ प्रमाण हैं दस्तावेज में । जो यह बताते हैं कि हमारे देश में करीब-करीब 1750 के
स्वदेशी कृषि