________________
कल्पसूत्रे वमं ठिइओ देवो जाओ। तओ पच्छा ताओ देवलोगाओ चविऊण हत्थिणा-शान्तिनाथ सशब्दार्थे
प्रभोः I उरे जम्मं गहीय पिऊ नाम विस्ससेणो, माउस्स नाम अइरा। आउ एगलक्ख॥८४४॥
चरित्रम् वरिसं, गब्भकल्लाणं भद्दवण किण्हसत्तमी, जम्मकल्लाणग जेटकिण्हा तेरसे
दिवसे, कुमारपए पणवीससहस्सवरिसं, पन्नाससहस्सवरिसं रज्जं कुणेअ, In एगसहस्स परिवारेण सद्धिं नागदत्त सिबियारूढो जेटुकिण्हा चउद्दसी दिवसे
दिक्खिओ जाओ। पढम भिक्खादायारो सुमित्त नामा, भिक्खाए खीरं लद्धं, छउमत्थावत्थाकालो एगवरिसा, णंदिरुक्ख चेइयरुक्खतले पोससुक्क नवमी दिणे केवलणाणं, जे? किण्हा बारसे दिवसे निव्वाणं, चत्तालीस धणूप्पमाणं देहमाणं, कंचणवण्णो, मिगलक्खणं, नायकगणहरों चक्काजुहो, अग्गणी साहुणी मूइ, पब्वज्जाकालो पणवीससहस्सो, गणहराणं संखा छत्तीसा, साहुणं
॥८४४॥