________________
सपार्श्वनाथ जिन चरित्रम्
कल्पाने । सौ ५० पचास, चतुर्दशं पूर्वी दो हजार तीनसौ पचास, वैकुर्विक १५ पन्द्रह हजार तीन ॥८०९॥
सौ, शासन काल ९ नौ सौ करोड सागरोपम, कितना पाट मोक्ष में गया असंख्याता शासनदेव मातंग शासन देवी शान्ता ॥७॥
अट्ठम चंदप्पभसामिचरित्तं___ मूलम-धायइसंडे दीवे पुव्वविदेहे मंगलावई विजए रयणसंचया नाम । णयरी होत्था, तत्थ पउम नाम वीर राया होत्था, सो संसारे वसंतो वि विरतो
आसी, किमवि कारणं पाविऊण संसाराओ विरत्तों जाओ, सो जुगंधर आयरिय समीवे दिक्खिओ जाओ, चिरकालं उक्किट्ठ तवसंजमं पालिऊण तित्थगर नाम गोयं कम्मं उवाजिऊं, आउपुण्णं किच्चा पउमनाभ मुणी वेजयंत नामगविमाणे इढिसंपण्णो देवो जाओ।
एRAANP
८०९।।