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प्रभो
मुमतिनाथ चरित्रम्
कल्पमत्रे मेहरहो नाम राया, तस्स देवी मंगला नामासी, तओ चइऊण सावणसुक्क सशन्दार्थे ।
| बीइए दिवसे मंगलादेवीए गर्भमि पुत्तत्ताए उववण्णे, वेसाहसुक्क अट्ठमी दिणे ॥७९६॥
जम्मकल्लाणगं हवीअ, चत्तालीसलक्खपुव्वं आउ, दसलक्खपुव्वं कुमारपए, एगतीसलक्खपुव्वं रज्जं पालिय विजया नाम सिविया रूढो वेसाहसुक्क नबमीए दीक्खिओ जाओ एगसहस्स परिवारेण सद्धिं, पढमभिक्खादायगो पउमनामा, पढमे भिक्खाए खीरं लवं, छउमत्थावत्था वीसं वरिसाइं पियंगु चेइय रुक्खतले केवलणाणं चेइय सुक्क एक्कारस दिवसे निव्वाणकल्लाणगं, तिसयधणूंसि देहप्पमाणं, कंचणवण्णो, कौंचपक्खीलक्खणं, चमर णामो मुक्ख गणहरो,
अग्गणी साहुणी कस्सपी, पव्वज्जासमयो एगलक्खपुव्वं एगसयं गणहराणं | संख , तिलक्ख बीससहस्साइं साहूसंखा, पंचलक्ख तीससहस्साइं साहुणीणं
॥७९६॥