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नामाभि
कल्पसूत्रे रिद्धीएणं] ऋद्धि से [सिद्धीएणं] सिद्धि से [समिद्धीएणं] समृद्धि से [सक्कारेणं] | मातापित
भ्याम् कृत. सभन्दाथे | सत्कारसे से [सम्माणेणं] सन्मान से [पुरक्कारेण] पुरस्कारसे [रज्जेणं] राज्य से, [रट्रेणं]
भगवतो. ॥११३॥ राष्ट्र से, [बलेणं] बल से [वाहणेणं] वाहण से [कोसेणं] कोष से [कोटागारेणं] कोष्टा
धानम् गारसे [पुरेणं] पुरसे [अंतेउरेणं] अन्तःपुर से [जणवएणं] जनपद से [जाणवएणं] जानपद से [जसवाएणं] यशोवाद से [कित्तिवाएणं] कीर्तिवादसे [वण्णवाएणं] वर्णवाद से [सद्दवाएणं] शब्दवाद से [सिलोगवाएणं] श्लोकवाद से [थुईवाएण] स्तुतिवाद से [विउल धण] विपुल धन [कणग] स्वर्ण [रयण] रत्न [मणि] मणि [मोत्तिय] मोती [संख] शंख [सिलंप्पवाल] शिला प्रवाल [रत्तरयण] रक्तरत्न [माइएणं] आदि [संतसावइज्जेणं] वास्तविक सम्पत्ति से [पीइ-सक्कारसमुदएणं] और प्रीति तथा सत्कार
की प्राप्ति से [अईव-अईव] खूब खूब [परिवढियं] वृद्धि को प्राप्त हुआ है [ तं होउ 3 इमस्स दारगस्स] अतएव इस बालक का [गोण्णं गुणनिप्फण्णं नामधिज्ज वद्ध
॥११३॥