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बनाये । जहाजपुर कोटा बुंदी के नीचे राणा के बरावर का
सरहद पर है, यहाँ फौजें रहती थी, यहाँ के हाकिम राणा समझे जाते है । जहाजपुर मेवाड राज्य की रीढ समझा जाता है ।
सा० जी मोडीलालजी सा० के हरिसिंहजी रुगनाथजी, हिम्मतसिंहजी, ये तीन पुत्र हुए। इनमें हरिसिंहजी पिता के साथ साथ 'खमनोर' के हाकिम राणाजी के द्वारा नामजद हुए। रुगनाथसिंहजी सा० पिताजी को हाकिम बनने पर सोलह उमरावो की वकालत करने लगे । ये वडे भद्र पुरुष थे। इन्होंने खान दान, धर्म समाज की पूर्ण सेवा की । हरिसिंहजी सा० को एक ही पुत्री भवरवाई है । रुगनाथसिंहजी सा० को भी एक ही पुत्र जगन्नाथसिंहजी है । श्री हिम्मतसहजी सा० के चार पुत्र- शिवसिंहजी, कुशलसिंहजी, चन्द्र सिंहजी, भूपालसिंहजी तथा एक पुत्री विजयनन्दिनी है । श्री हिम्मतसिंह सा० की दो शादियाँ रीयांवाले सेठ के घराने में हुई, रीयां का घराना" मारवाड के ढाई घर में से एक घर समझा जाता है, किसी समय जरूरत से जोधपुर दरवार को द्रव्य सहायता देते समय रीयां से जोधपुर खजाने तक रुपयों से भरे हुए गाड़ा का ताँता लगा दिया था । पहली शादी सेठ भैरववक्षजी की पुत्री मोहनकुंवरजी से हुई इनका श्री हिम्मतसिंहजी सा० के विद्याध्ययन के समय में ही देहांत हुआ | आपका नियमित अध्ययन पिता श्री के देहान्त के बाद शादी हो जाने पर १८ साल की उम्र में प्रारम्भ हुआ । दूसरी शादी सेठ प्यारेलालजी रीयांवाले अजमेर निवासी की पुत्री माणककुंवर के साथ हुई, इन्हीं से ये उपर्युक्त सन्तान हुए ।
श्री हिम्मतसिंहजी सा० अपने परम पूज्य पिता श्री के अत्यन्त प्रिय पुत्र थे, इस कारण वे अपने जीवन काल में बाहर जुदा रखकर अपनी पढाई नहीं करवा सके। आप पिता श्री के साथ ही रहते थे, इस कारण स्कूल के दरेक विषय को पढाई नहीं हो सकी, सिर्फ हिन्दी और अंग्रेजी की पढाई मास्टर घर पर आकर करवाता था, पिता श्री के जीवन काल में जाकर शादी तो हो चुकी थी। बाद में पिता श्री का स्वर्गवास हो गया । तब ये स्कूल जाकर विद्याध्ययन करने लगे । मैौट्रक देहली रामजस हाईस्कूल से पास की । इण्टर अजमेर गवर्मेन्ट कॉलेज से की बी ए . इलाहाबाद विश्वविद्यालय से तथा एम. ए. राजनीति में और एल. एल. बी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में लखनऊ विश्वविद्यालय से सन् १९३३ ई० में उत्तीर्ण हुए।
इसके साथ साथ फौजी परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में पास की। इनकी प्रथम नियुक्ति फौज में हुई, किन्तु इन्होंने उस वक्त के रियासती वातावरण में रहना पसन्द नहीं किया । वहाँ से