Book Title: Vyavaharasutram evam Bruhatkalpsutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 1
________________ ॥ श्रीः ॥ . अनाचार्य - जैन धर्म दिवाकर - पूज्य - श्री - घासीलालवति निरचित - भाष्य ममलङ्कृतं - (१) श्रीव्यवहारसूत्रम् (I) Shree Vyavhar Sutram पवम्. चूर्णि भाष्यावचूरिसमलङ्कृत (२) श्रीबृहत्कल्पसूत्रम ( 2 ) Shree Bruhatkalpa Sutram नियोजक. संस्कृत - प्राकृतज्ञ - जैनागमनिष्णात - प्रियव्याख्यानिपण्डितमुनि श्री कन्हैयालालजी - महाराजः उदयपुरमेवाड निवासि - भूतपूर्वदेवस्थानकमिश्नर -गलुंडियावंशभूषणश्री हिम्मतसिंहजी - महोदयप्रदत्तद्रव्य साहाध्येन प्रकाशकः अ० भा० श्वे० स्था० जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुखः श्रेष्ठि- श्री शान्तिलाल - मङ्गलदासभाई - महोदय प्रथमा - मावृति. प्रति ११०० वीर संपत २४९५ विक्रम संव २०३५ मूल्यम् - २४.. ईस्वी सन् १९६९

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