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॥ अट्ठमो उद्देसो॥... गाहा उ पज्जोसविए ताए गाहाए ताए पएसाए ताए ओवासंतराए जमिणं जमिणं सेज्जासंथारगं लभेज्जा तमिणं तमिणं ममेव सिया, थेरा य से अणुजाणेज्जा तस्सेव सिया, थेरा य से नो अणुजाणेज्जा एवं से कप्पइ अहारायणियाए सेज्जासंथारगं पडिग्गाहित्तए ॥१॥
से य अहालहुस्सग सेज्जासंथारगं गवेसेज्जा जं चक्किया एगेणं हत्थेणं ओगिज्झ जाव, एगाहं चा दुयाहं वा तियाहं वा परिवहित्तए एस मे हेमंतगिम्हामु भविस्सइ ।।२।।
से य. बहालहुस्सगं सेज्जासंथारगं गवेसेज्जा जं चक्किया एगेण हत्थेण ओगिज्झ जाव एगाहं वा दुयाहं वा तियाहं वा अद्धाणं परिवहित्तए, ' एस मे वासावासामु भविस्सइ ॥३॥
. से य अहालहुस्सगं सेज्जाऊंथारंग गवेसेज्जा, जं चक्किया: एगेण हत्थेण ओगिज्झ जाव एगाई वा दुयाहं वा तियाहं वा. चउयाई वा पंचाहं का दरमवि अद्धाणं, परिवहित्तए, एस मे वुड्ढावासेस भविस्सइ ॥४॥ . . . , ." __ - थेराणं थेरभूमिपत्ताणं कप्पइ दंडए वा भंडए वा छत्तए वा मत्तए वा लट्टियं वो भिसे वा चेले वा चेलचिलिमिली वा' चम्मे या चम्मकोसे चा चम्मपलिच्छेयणए वा अविरहिए ओवासे ठवेत्ता गाहावइकुलं भत्ताए वा पाणाए वा पविसित्तए' चा निक्वमित्तए वा, कप्पइ ग्रहं संनियदृचाराणं दोच्चंपि ओग्गइं अणुनवेत्ता परिहारं परिहरित्तए ॥५
नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीणं वा पाडिहारियं वा सांगारियसंतियं वा सेजा संथारगं दोच्चंपि ओग्गहं अणणुन्नवेत्ता वहिया नीहरित्तएं ॥ina
ta कप्पड णिग्गंथाण वा णिग्गंधीण वा पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा. सेज्जासं, थारगं दोच्चंपि ओग्गई अणुघ्नवेत्ता वहिया नीहरित्तए ॥७॥
नो कप्पड णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण. वा. पाडिहारियं वा सागारियसंतियं वा सेज्जासंथारंग सबप्पणा अप्पिणित्ता दोच्चंपि ओग्गडं अणणुनवेत्ता अहिद्वित्तए, कप्पइ. अणुन्नवेत्ता ॥८॥ . - नो कप्पइ-निगंथाण वा निग्गंधीण वा पुव्वामेव ओग्गई ओगिण्डित्ता तो पुच्छा अणुन्नवेत्तए ।।९॥