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२७ भोइयं करेमिः सा य से पडितप्पेज्जों एवं से नो कप्पा पारोक्खं पाडिएकक संभोइयं विसंभोइयं करित्तए, सा य से नो पडितप्पेज्जा, एवं से कप्पइ पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं-विसंभोइयं करित्तए ।।५।।
___नो कप्पइ निग्गंथाणं निग्गथिं अप्पणो अढाए पंव्यावेत्तए वा, मुंडावेत्तए वा, सेहावेत्तए वा, उचढावेत्तए वा, संभुंजित्तए वा, संवसित्तए वा, तीसे इत्तरियं दिसं वा कणुदिसं वा उहिसित्तए वा धारित्तए वा ॥६॥ . कप्पइ णिग्गंधाणं णिग्गथि अन्नासिं अट्ठाए पवावेत्तए वा, मुंडावेत्तए वा; सेहावेत्तए बा, उवद्यावेत्तए वा; संभुजित्तए वा, संवसित्तए वा, तीसे इत्तरिय दिसं वा अणुदिसं वा, उदिसित्तए वा, धारित्तए वा ॥७॥ .. नो कप्पा णिग्गयीणं णिग्गंथं अपणो अट्ठाए पच्चावेत्तए वा मुंडावेत्तए वा, सेहावेत्तए वा; उवट्ठावेत्तए.वा, संभुंजित्तए वा, संवसित्तए वा, तस्स इतरिय दिसं वा, आणुदिसं वा उदिसित्तए वा ॥८॥ . . .
कप्पइ णिग्गंथीणं णिग्गथ णिगंथाणं अट्ठाए पवावेत्तए वा, मुंडावेत्तए 'वा, सेहावैत्तएं वा, उवट्ठावेत्तए वो, संभुंजित्तए वा, संवसित्तए वा; तस्स इत्तरिय दिसं वा. अणुदिसँ वा उदिसित्तए वा धारित्तए वा ॥९॥
'नो कप्पई 'णिग्गंथीणं विइंगिट्टियं दिस वा अणुदिसं वा, उद्दिसित्तए वा धारित्तए वा ॥१०॥
कप्पड णिग्गंधाणं विइगिष्टियं दिसं वा अणुदिसं वा उदिसित्तए वा धारित्तए वा ॥ नो कप्पइ निग्गंथाणं विइगिट्ठाई पाहुडाई विओसवित्तए ॥१२॥ कप्पइ णिग्गंथीणं विइगिटाई पाहुडाई विओसवित्तए ॥१३॥ नो कप्पइ णिग्गंथाणं विइगिट्टे काले सज्झायं करित्तए ॥१४॥ कैप्पइ 'णिग्गंथीण विइगिढे काले सज्झायं करित्तए णिग्गंथनिस्साए ॥१५॥ णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा असज्झाइए सज्झायं करित्तए ॥१६॥ कप्पइ णिग्गंथाण' वा णिग्गंधीण वा सेज्झाइए सज्झायं करित्तए ॥१७॥
नो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिगंथीण,वा अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करित्तए कप्पइ ण्हं अण्णमण्णस्स चायणं दलइत्तए ॥१८॥