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ओपपातिसूत्रे
पुच्छति, अप्पेगडया परियहंति, अपेगइया अणु पेहति अप्पेगइया अवणीओ विक्खेवणीओ सवेयणीओ निव्वेयणीओ वाचयति- सूनवाचना तते गच्चैकदेश गगाइन डेकाधिष्ठित निनाय सूननाचना वाचयति । 'अप्पेग या पडिपुच्छति' अयेकक प्रतिउच्छन्ति मनार्था पृछति, 'अप्पेगडया परियहति ' अप्येकके परिवर्तयन्ति=सूत्रार्थ पुन पुनरभ्यम्यति । 'अप्पेगडया अणुप्पेहति' अप्येकके अनुप्रेक्षते = परिचितयति । 'अप्पेगझ्या अम्खेवणीओ faraणीओ सवेणीओ विधेयणीओ विहाओ कहाओ कहति' अध्येक आक्षेपणी विक्षेपणी वेदिनी निर्देदिनार्नहुनिया कथा कथयन्ति, मोहादपनीय तत्व प्रति आक्षिप्यते = आकृष्यते प्राणी याभिस्ता आक्षेपण्यस्ता -' ,, कथा इत्यस्य विशेषणम् । निक्षेपणी - विक्षिप्यते = कुमार्ग प्रसक्त ग्राम कुमार्गाव क्रियते याभिस्ता निक्षेपण्यस्ता । मवेदिनी - वेद्यते = मोक्षमुसाभिलाप कियते याभिस्ता । निर्जेटिनी - निर्वेद्यते - ससाराद् निर्विष्णो
थे, (अप्पेगया) किनक (पडिपुच्छति ) सून और अर्थ को पूछते थे, (अप्पेगइया) कितनेक (परियहृति) सून और अर्थ को आवृत्ति करते थे, (अप्पेगइया) कितनेक (अणुपेहति) सूत्र - अर्थ की अनुप्रेक्षा - परिचिन्तन करते थे, (अप्पेगइया) कितनेक (अक्खे वणीओ १, विक्खेवणीओ २, सवेयणीओ ३, णिन्नेयणीओ ४, बहुविहाओ कहाओ कहति) 'आक्षेपणी, निक्षेपणी, सवेदिनी और निर्वेदिनी इन अनेक प्रकार की कथाओं को कहते थे । मोह से दूर कराकर प्राणी जिस कथा के द्वारा तत्व के प्रति आकृष्ट किया जाता है उस कथा का नाम ' आक्षेपणी कथा ' हे १, कुमार्ग मे रत प्राणी जिस कथा से उस कुमार्ग की ओर से पृथक किया जाता है उस कना का नाम 'विक्षेपणी कथा' है २,
उता, (अप्पेगइया) डेंटला ( पडिपुच्छति ) सूत्र तथा अर्थ पूछता हुता ( अप्पेगइया) डेटा ( परियकृति ) सूत्र तथा अर्थनी आवृत्ति ४२ता हुता ( अपेगइया) डेटा ( अणुप्पेहति ) सूत्र -धनी अनुप्रेक्षा-परिचिंतन जस्ता हता ( अप्पेगइया) डेटलाड (अक्खेवणीओ, विक्खणीओ, सवेयणीओ णिव्वे यणीओ, बहुविहाओ कहाओ कहति ) साक्षेपणी, विक्षेपाशी, भवेहनी, मने નિવેદ્યની, એ પ્રકારે અનેક પ્રકારની કથાઓ કરતા હતા માહુથી દૂર કરીને જે કથા તત્ત્વના તરફ આકર્ષણ કરે છે તે કથાનુ નામ આક્ષેપણી કથા છે. કુમાર્ગીમા મગ્ન થયેલા પ્રાણીને જે થાયી તે કુમાર્ગ તરફથી જુદો ' છે જે કથા સાભળવાથી પ્રાણી કરાવાય તે કથાનુ નામ વિક્ષેપણી કથા
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