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________________ शानचन्द्रिकाटीका-शानभेदाः। ज्ञानसामानाधिकरण्यम् । श्रोतुरात्मनः पर्यायतया ज्ञानं तदभिन्नमिति । श्रुतं च तज्ज्ञानं चेति श्रुतज्ञानम् । श्रुतमित्यत्रार्थत्वात् कर्तरि क्तप्रत्ययः क्लीवत्वं च । इह हि अग्रवक्ष्यति-" मुणेइ-त्ति सुयं " इति । (३) अवधिज्ञानशब्दार्थः- अवधिज्ञानमिति । अवधानम्-आत्मनोऽर्थसाक्षात्करणव्यापारोऽवधिः । यद्वा -अब-शब्दोऽव्ययत्वेनानेकार्थत्वादधःशब्दार्थकः, अव-अधः, नीचप्रदेशे विस्तृतं वस्तु धीयते परिच्छिद्यतेऽनेनेत्यवधिः, अधोविस्तृतविपयकज्ञानम् । अवधिश्चासौ शब्द है । इस तरह श्रोतारूप ज्ञानका नाम श्रुतज्ञान हो जाता है। इस पक्षमें श्रवणात्मक उपयोगरूप परिणामसे आत्मामें अभिन्नता ज्ञापित की गई है, इस लिये श्रुत और ज्ञानमें समानाधिकरणता सुघटित हो जाती है, कारण कि श्रोता जो आत्मा है उसकी पर्याय होनेसे ज्ञान उससे भिन्न नहीं है। 'श्रु' धातु से आर्ष होनेकी वजहसे कर्नामें 'क्त' प्रत्यय हो कर 'श्रुतम् ' ऐसा नपुंसक लिङ्गमें शब्द बना है। श्रुतज्ञानके विषयमें आगे फिर स्पष्ट लिखा जायेगा ॥२॥ (३) अवधिज्ञानअवधिज्ञान शब्दका अर्थ इस प्रकार है-अर्थको साक्षात्कार करने का आत्माका व्यापार होता है उसका नाम अवधि है । अथवा 'अव, शब्द अव्यय भी है । अव्ययके अनेक अर्थ होते हैं, अतः यहां 'अव' शब्दका अर्थ " नीचे " ऐसा जानना चाहिये । तात्पर्य इसका यह है कि શ્રોતારૂપે જ્ઞાનનું નામ શ્રુતજ્ઞાન થાય છે. આ પક્ષમાં શ્રવણાત્મક ઉપયાગરૂપ પરિણામથી આત્મામાં અભિન્નતા સૂચિત કરાઈ છે, તેથી કૃત અને જ્ઞાનમાં સમાનાધિકરણતા બંધ બેસતી થઈ જાય છે, કારણ કે શ્રોતા કે જે આત્મા છે તેની पर्याय थवाथी ज्ञान तनाथी मिन्न नथी, “श्रु" धातुथी मा डावाने पारणे अत्तामा "क्त' प्रत्यय दागीन श्रुतम्' मेवो नान्यत२ तिनी श६ पन्यो છે. શ્રતજ્ઞાનના વિષયમાં આગળ ફરીથી સ્પષ્ટતાપૂર્વક લખાશે ારા (3) अवधिज्ञान" अवधिज्ञान" शनी अर्थ प्रमाणे छ:-मनो साक्षात्४२ ४२वाने। मात्माना व्यापार हाय छे तेनु नाम अघि छ अथवा 'अव' २५४ मव्यय ५५ छ. मध्ययना अने: मय थाय छे तेथी मी 'अव' शो मथ नाय, એ જાણવું જોઈએ. તેને ભાવાર્થ એ છે કે જેના દ્વારા નીચા પ્રદેશમાં
SR No.009350
Book TitleNandisutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages940
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nandisutra
File Size58 MB
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