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________________ ૩૮૮ " प्रज्ञापनासूत्रे समयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यार्थतया असंख्येयगुणाः, प्रदेशार्थतया सर्वस्तोकाः एकसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्थतया संख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्थतया संख्येयगुणाः, असंख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः प्रदेशार्यतया असंख्येयगुणाः, द्रव्यार्थ प्रदेशार्थतया सर्वस्तोकाः एकसमयस्थितिकाः पुद्गलाः, द्रव्यार्थ प्रदेशार्थतया संख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यार्थतया संख्येयगुणाः, ते चैत्र प्रदेशार्थतया संख्येयगुणाः असंख्येयसमयस्थितिकाः पुद्गलाः द्रव्यातया असंख्येयगुणाः, ते चैव प्रदेशार्थतया असंख्येयगुणाः, एतेषां खलु भदन्त ! असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल द्रव्य से असंख्यातगुणा हैं (पएसइयाए सम्वत्थोवा एगसमयठिया पुग्गला पट्टयाए) प्रदेशों की अपेक्षा सब से कम एक समय की स्थिति वाले पुद्गल हैं प्रदेशों से (संखिज्ज समय टिइया पुग्गला पएसट्टयाए संखेज्जगुणा ) संख्यात समय की स्थिति वाले पुल प्रदेशों से संख्यातगुणा है (असंखिज्ज समयठया पुग्गला पएसइयाए असंखेज्जगुणा ) असंख्यात समय की स्थिति वाले पुद्गल प्रदेशों से असंख्यातगुणा हैं (दव्वद्वप एसट्टयाए सव्वत्थोवा एगसमयठिया पुग्गला) द्रव्य और प्रदेशों से सबसे कम एक समय की स्थिति वाले पुद्गल (दञ्चद्वपसट्टयाए) द्रव्य और प्रदेशों से (संखिज्जसमठिया) संख्यात समय की स्थिति वाले ( पुग्गला) पुद्गल (वट्टयाए) द्रव्य से (संखिज्जगुणा ) संख्यातगुणा हैं (ते चैव एसए) वे ही प्रदेशों की अपेक्षा ( संखेज्जगुणा ) संख्यातगुणा हैं (असंखिज्जसमयठिया पुग्गला दव्वट्टयाए असंखिज्जगुणा ) असं द्रव्यथी संख्यातगा छे. (असंखिज्जसमयठिइया पुग्गला दव्वट्टयाए असंखिज्जगुणा) अध्यात सभयनी स्थितिवाणा युगसेो द्रव्यथी असभ्यातगया है. ( पसाए सव्वत्थोवा एगसमयटूट्ठिइया पुग्गला पएसट्टयाए) प्रदेशोनी अपेक्षाथी सोथी गोछा ! सभयनी स्थितिवाणा युगसेो छे. (संखिज्जसमयठिइया पुग्गला पट्टयाए संखेज्जगुणा ) सांध्यात सभयनी स्थितिवाणा युगो अहे शोथी सभ्याता छे. (असंखिज्जसमयटूठिइया पुग्गला पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा ) सज्यात सभयनी स्थितिवाणा युगसेो प्रदेशोथी असभ्याता छे. ( दव्व पसाए सव्वत्थोवा एगसमय ठिइया पुग्गला) द्रव्य भने प्रदेशाधी सोधी गोछा ये सभयनी स्थितिवाजा युगसेो छे. (संखिज्ज समयठिया) सभ्यातसभयनी स्थितिवाजा ( पुग्गला) युगसेो ( दव्वट्टयाए) द्रव्यथी (संखिज्जगुणा ) सध्यातगथु छे. (ते चेव पसट्टयाए) मे४ प्रदेशानी अपेक्षाथी ( संखेज्जगुणा ) संख्यातगया छे. (असंखिज्जसमय ट्ठइया पुग्गला दव्बट्टयाए असंखेज्जगुणा) असण्यात सभयनी
SR No.009339
Book TitlePragnapanasutram Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages1196
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size80 MB
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