SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 322
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २९८ प्रापनासूचे 'नायव्यो'-ज्ञातव्यः 'पत्ता' पत्राणि 'पत्तेयजीवा'-प्रत्येकजीवानि प्रत्येकं जीवो येषु तानि-तथाविधानि भवन्ति, 'दोनिय' हो च 'जीवा'-जीवी 'फले-फले 'भणिया' भणितौ-उक्तौ शङ्गाटकस्य यो गुच्छः सोऽनन्तजीवो ज्ञातव्यः त्वक्शाखादीनामनेकजीवस्वरूपत्वात् केवलं तत्रापि यानि पत्राणि भवन्ति तानि प्रत्येक जीवानि सन्ति, फले पुनः प्रत्येकमेकैतास्मिन द्वो द्वौ जीवावुक्तौ ॥५१॥सू.१९॥ मूलम्-जस्ल मूलस्त भन्गस्त, समोसंगो पदीसए। अणंत जीवे उ से मूले, जे यावन्ने तहाविहा ॥१०॥ जस्स कंदस्स भग्गस्ल, समो संगो पदीसए। अणंतजीवे उ से कंदे, जे यावन्ने तहाविहा ॥११॥ जस्स खंधस्स भग्गस्स, समो भंगो पदीसए । अणंतजीवे उ से खंधे, जे यावन्ने तहाविहा ॥१२॥ जीसे तयाए भग्गाए समो भंगो पदीसए । अणंतजीवा तया सा उ, जे यावन्ना तहाविहा ॥१३॥ जस्स सालस्स भग्गस्स, समो भंगो पदीसए । अणेतजीवे य से साले,जे यावन्ने तहा विहा॥१४॥ जस्त पवालस्स भग्गस्स; समो भंगो पदीसए । अणंतजीवे पवाले से, जे यावन्ने तहाविहा॥१५॥ जस्स पत्तस्स भग्गस्स समो भंगो पदीसए । अणंतजीवे उ से पत्ते, जे यावन्ने तहाविहा॥१६॥ जस्स पुप्फस्स भग्गस्त, समो भंगो पदीसए । अणंतजीवे उ से पुप्फे जे यावन्ने तहाविहा ॥१७॥ जस्स फलस्स भग्गस्स, समोसंगो पदीसए। अणंतजीवे फ़ले से उ, जे यावन्ने तहाविहा॥१८॥जस्स बीयस्ल भगस्त, समो भंगो पदीसए। अणंतजीवे उसे बीएजे यावन्नेतहाविहा॥१९॥सू२०॥ प्रत्येक पत्ते में एक जीव होता है और फल में दो जीव कहे गए हैं। तात्पर्य यह है कि सिंघाडे का अनन्त जीव है, ख्योंकि उसकी छाल और शाखा आदि अनेक जीवरूप हैं। केवल उसके पत्ते प्रत्येक जीव है और फल में दो-दो जीव होते हैं। પાનમાં એક જીવ હોય છે અને ફળમાં બે જીવ કહેલા છે. તાત્પર્ય એ છે કે સિઘાડામાં અનન્ત જીવ છે, કેમકે તેની છાલ અને ડાળ વિગેરે અનેક જીવ રૂપ છે, કેવળ તેના પાન પ્રત્યેક જીવ છે અને ફળમાં બે બે જીવ હાય છે
SR No.009338
Book TitlePragnapanasutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages975
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_pragyapana
File Size63 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy