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________________ विषय पृष्ठ ३० सर्वकामविरत-आदि साधुओं के विषय में भगवान का कथन। ६६४-६६५ ३१ केवलिसमुद्धात के विषय में गौतम स्वामी और भगवान का प्रश्नोत्तर । .. ६६५-६९१ ३२ केवली के सिद्धिगति-प्राप्ति का क्रमनिरूपण । .... .... ६९१-६९७ ३३ सिद्धस्वरूपवर्णन । .... .. ... .... ६९८-७०० ३४ सिद्धों के साद्यपर्यवसितत्व-आदि का वर्णन । .. .... ७०१-७०२ ३५ सिद्धिगति पाने वालों के संहनन और संस्थान का वर्णन । .... ७०२-७०३ ३६ सिद्धिगति पाने वालों के उच्चत्व और आयु का वर्णन । .... ७०४-७०५ ३७ सिद्धों के निवासस्थान के विपय मे गौतमस्वामी और भगवान का प्रश्नोत्तर । ७०६-७११ ३८ ईपत्प्राग्भारा पृथिवी के स्वरूप का वर्णन । .... .... ७११-७१२ ३९ ईपत्प्राग्भारा पृथिवी के बारह नाम। .... ७१३ ४० ईपत्याग्भारा पृथिवी के स्वरूप का वर्णन । ... ...... ७१४-७१५ ४१ सिद्धस्वरूप-वर्णन। .... .... ७१६-७१७ ४२ शास्त्रोपसंहार । ... .... ... .... ७१८-७३७
SR No.009334
Book TitleAuppatiksutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages868
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size26 MB
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