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पोयपपिणो टोका स ४८ यानशाठियस्य यरव्यापूनाऽऽदेशमपादनम् ३८१ णाई अप्फालेड, अफालित्ता दूसे पवीणेइ, पवीणित्ता वाहणाई समलंकरेड, समलंकरिता वाहणार्ड वरभंडगमंडियाई करेड,करिता वाहणाड जाणाई जोएड, जोडता पओयलहिं पओयधरए य नानि ‘णीगेड' नप्रतिनहिष्फरोति, नवा वाहनानि 'अफालेड ' आस्फालयति हस्तेन आस्फालयति, आस्फान्य 'दसे पपीट' दूष्यागि प्रपिनयति आच्छादनपत्राण्यपनयति, प्रविनीय 'पाहणार समरेट' वाहनानि समलहंगेति, ममलस्य वाहनानि 'वरभंडगमडिया करेड' वग्भाग्डमण्टितानि करोति, कृत्वा 'वाहणाड जाणाई जोएट' वाहनानि यानेषु योजयति, योजयित्वा यानगालिक 'पओयलट्ठि' प्रतोदयष्टिं वाहनचालनार्थी यष्टि 'पराणी' टति भाषाप्रसिद्धा 'पोय परए य' प्रतोदधरान= भकटवाहकान् मन्युगपन्-एफस्मिन् काले 'आडडड' आहरति एकस्मिन स्याने सवाक्खित्ता) देखकर (वाहणाट संपमन्नइ) उसने उन्हें साफ किया । (सपमनिता) साफसूफ कर (वाहगार णीगेइ) बाह्नों को उमन वहा से नाहिर निकाला, (णीणित्ता) बाहिर निकालकर (वाहगाइ जप्फालेट) उमने फिर उनके पीठ पर हाय फिराया, (अप्फालित्ता) हाथ फिगर (दमे पीणेइ) फिर उसने उनकी बोलियों को अलग किया । (पत्रीणित्ता) जन गोलिया उनकी अलग हो चुका तर फिर उसने (वाहणाई समलकरेट) उन वाहनाको गारित किया । (समलकरिता) जब ये अच्छी तरह से सजा दिये गये तर (वागाइ घरभडगमडियार करेट) उसन उनको उपकर गो से मटित किया, (करित्ता) करा के वाढ (वाहणार्ट जाणादं जोएइ) फिर उसने उन वाह्नों बैलों को स्था मे जोते, (जोटत्ता) जोनन के बाद (पोय पोयपरए य सम आडहर) उमने
णाइ सपम जइ) तो तमने सार्या (सपमज्जित्ता) सास गने (वाहगाइ णीगेइ ) वाइनाने ते त्याथी पहाडीया (णीणित्ता) पहा डाढीने (पाहणाइ अफालेड) तरी शन तमनी पा. 6५२ हाय ३२०ये। (आफालित्ता ) हाय ३२वीन (दसे पपीणेड) ५ ते तेमनी जागाने ही
की, (पपीणित्ता) त्या जागी तमनी gी गई ७ त्या२ पछी ते (पाहणाइ समलकरेड) ते पाहनाने शगाया, (समलफरित्ता ) त्यारे ते मारी दाते या य (15) गया त्यारे (वाहणाइ पगमेंटगमंडियाई करेड) ते" तेभने 645२014 मडित यां (करित्ता) या पछी (वाहणाइ जाणाइ जाएइ) तो ते पाडनाना हाने श्यामा नेशव्या, (जोइत्ता) ने डाव्या पछी (पओयलाई