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ओपति __ समलंकरेइ, समलंकरिता जाणाई घरभडगमंडियाईकरेइ,करित्ता
जेणेव वाहणसाला तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता वाहणसालं अणुपविसड, अणुपविसित्ता वाहणाई पञ्चुवेरखेड, पवेक्खित्ता वाहणाई सपमन्नड, सपमजित्ता वाहणाई गीणेड, णीणिता वाह'जाणाद समलकरे' यानानि समन्दरोति य-योजालिम हलालकारागि करोनि, समलकृत्य 'जाणाइ परभडगमडियाद' यानानि यग्भाण्टकमण्टितानि-पगभरणभूषितानि 'करेइ' करोति, वा यौर वाहनशाला तनवोपागच्छनि, उपागय, वाहनमालामनुप्रविनि, अनुप्रविश्य पाहणाई पच्चुवेरखेद' वाहनानि प्रयुपेनते, तेपामङ्गप्र यद्गसौन्दर्य पश्यति, दृष्ट्वा वाहनानि 'सपमनट' सम्प्रमार्जयति निर्मलीकरोति, सम्प्रमान्य वाहनिकालकर (जाणाया से पीणेद) उनके ऊपर के वस्त्रों को उसने दूर किया । (पवीणित) जब वख कि जिनसे ये ढके हुए ये दूर हो चुके तप उमने (जाणार समलफरेद) उन सब याना को अलत किया । (समलफरित्ता) जर वे अच्छी तरह अलकृत हो चुके तत्र (जाणार वरभडगमडियाई करेइ) उन यानों को उसने अच्छी राति से गादी-तक्रिया आदि उपकरणा से मडित किया। (करिता) सुसजित कर (जेणेच वाहणसाला तेणेव उवागन्छइ) फिर वह जहा वाहनगाला या वहाँ पहुँचा, (उवागरिउत्ता) पहुँच कर (वाहगसाल अणुपविसइ) वट उस वाहनमाला के भीतर प्रविष्ट हुआ । (अणुपविसित्ता) प्रविष्ट होकर (पाहणाद पचुवेकवेइ) उमने बाहना को देखा (पन्चुवेपवीणेइ) तमना न पसीने त २ भूया (पचीणित्ता) न्यारे ते पसीनाबी ४१॥ ता ते 25 गया त्यारे तो (जाणाइ समलकरेइ) ते १५१ यानाने शायर्या (समलकरिता) न्यारे ते मारी ते मत थ युध्या त्यारे (जाणाइ रमडगमडियाइ करेइ) ते यानाने ती सातिथी गादी तढिया मादि परशाथी भडित यां (करित्ता) सुस Gma रीन (जेणेर पाहणसाला तेणेव आगच्छइ ) पछी या शाखा ती त्या पहा-या (आगच्छित्ता) पायीन (वाहणमाल अणुपरिसइ) a से पानी २५ ६२ 241 (अणुपविमित्ता) grue इन (वाहणाइ पच्चुवेश्खेइ) 0 पालनाने या (पन्चुवेक्सित्ता) छन (बाह