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Dammame
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____“उपासवचारले सयण सचित्त दव्व, इच्चेव सव्ववस्थुस । मज्जायाए णियमण, मय, भोयणओ वय ॥ ६ ॥ इति । शयन सचिन द्रव्यम् , इत्येव, सर्ववस्तुषु ।
मर्यादाया नियमन, मत भोजनतो व्रतम् ॥ ६ ॥ इति । मर्यादानियमो विकृतिविधिपरिमाणकरणम् (१६)। वास्तूकादीना शाकाना विपये मर्यादानियमः शाकविधिपरिमाणकरणम् (१७)। खाधाना पक स्वाध मिष्ट कदली रसाल पनसादीना फनाना विपये मर्यादानियमोमाधुकविधि परिणामकरणम् (१८) । सेव पूप पकवटी प्रभृतीना विषये मर्यादानियमो जेमनविधिपरिमाणकरणम् (१९)। जलविपये मर्यादानियमः पानीयविधि परिमाणकरणम् (२०)। मुख वासयितु लवकर्पूरादीना विपये मर्यादानियमा मुखवासवीधिपरिमाणकरणम् (२१)। बहनार्थ इस्त्यश्चमवहणादिविषये मर्यादानियमन-वादनविधिपरिमाणकरणम् (२२) । पादरक्षार्थमुपानन्मो परिमाण है। (१७) बथुआ आदि शामोंकी मर्यादा करना शाकविधि परिमाण है। (१८) पके हुए, केला, आम, पनस आदि फलोकी मर्यादा करना माधुरकविधिपरिमाण है। (१९) सेव, पूआ, बडा, पकौडी आदिकी मर्यादा करना जेमनविधिपरिमाण है । (२०) पीनक जलकी मर्यादा करना पानीयविधिपरिमाण है। (२१) मुखको सुवा सित करने के लिए लौंग कपूर आदि वस्तुओंकी मर्यादा करना मुखवास विधिपरिमाण है । (२२) वाहन चार प्रकारके होते है-(१) चलनेवालेघोडा, ऊँट, हाथी, बलद आदि, (२) फिरनेवाले-गाडी, मोटर, ट्राम, साईकल, रथ आदि, (३) तैरनेवाले-स्टीमर, डोगी आदि (४) उडनेवाले-हवाईविमान, घलुन आदि, इन चार प्रकारके वाहनाका (૧૭) ભાજી આદિ શાકેની મર્યાદા કરવી એ શાવિધિપરિમાણ છે (૧૮) પાક,
સ્વાદિષ્ટ, મીઠા કેળા, કેરી, ફણસ આદિ ફળની મર્યાદા કરવી એ માધુરકવિધિકરવી એ માધુરકવિધિપરિમાણ છે (૧૯) સેવ, પૂડા, ભજીયા, પકેડી આદિની મર્યાદા કરવી એ જમણુવિધિપરિમાણ છે મુખને સુવાસિત કરવાને લવ ગ મર્યાદ વસ્તુઓની મર્યાદા કરવી એ મુખવાસવિધિપરિમાણ છે (૨૨) વીર यार ना मतान्या छ- (१) वा -या, हाथी, ne (वार, (२) ३२वापाण-II, भाटर, ट्राभ, सास, २५ विगैरे. (3) तराषाणाસ્ટીમર, વહાણ, હડી વિગેરે () ઉડવાવાળા હવાઈ જહાજ, બટ્ટન વિરાટ આ ચાર પ્રકારના વાહનેની જવા – આવવા કે ફરવા માટે મર્યાદા કરવી એ